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कलस्टर व्यवस्था लागू होने से लड़खड़ा सकती हैं योजनाएं

ग्राम पंचायतों में सचिवों की तैनाती को लेकर कलस्टर व्यवस्था लागू करने की तैयारी है। यह व्यवस्था वैसे तो ठीक है लेकिन इस समय यह व्यवस्था लागू होने से...

कलस्टर व्यवस्था लागू होने से लड़खड़ा सकती हैं योजनाएं
हिन्दुस्तान टीम,लखीमपुरखीरीSat, 31 Jul 2021 03:32 AM
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लखीमपुर-खीरी।

ग्राम पंचायतों में सचिवों की तैनाती को लेकर कलस्टर व्यवस्था लागू करने की तैयारी है। यह व्यवस्था वैसे तो ठीक है लेकिन इस समय यह व्यवस्था लागू होने से ग्राम पंचायतों में सरकारी योजनाओं को झटका लग सकता है। पंचायत चुनाव के बाद अभी सभी ग्राम पंचायतों के खाते और प्रधानों के डोंगल शुरू नहीं हो सके हैं। इस बीच कुछ सेक्रेटरी के तबादले दूसरे ब्लॉकों में कर दिए गए। अब नए ब्लॉकों में ज्वाइन करने के साथ ही नई ग्राम पंचायतों के आवंटन के बाद डोंगल बनवाना है, इससे कामधाम बाधित चल रहा है। राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन ने कलस्टर व्यवस्था को लागू करने पर आपत्ति जताई है और डीएम को ज्ञापन दिया है।

पंचायत राज विभाग की मंशा है कि सेक्रेटरी की तैनाती कलस्टर व्यवस्था से की जाए। जिससे सेक्रेटरी को आसपास की ही ग्राम पंचायतें दी जाएं। यह व्यवस्था वैसे तो ठीक है लेकिन इस समय लागू होने से इससे ग्राम पंचायतों में समस्याएं आ सकती हैं। पंचायत चुनाव के कारण वैसे ही ग्राम पंचायतों में कामकाज ठप रहे। अब नए प्रधानों के डोंगल तैयार कराए जा रहे हैं। अभी भी कुछ प्रधानों के डोंगल रजिस्टर्ड नहीं हो सके हैं। इस बीच करीब 10 साल से ऊपर से तैनात सेक्रेटरी का तबादला दूसरे ब्लॉकों में कुछ दिन पहले किया गया। यह सेक्रेटरी नए ब्लॉकों में ज्वाइन कर रहे हैं। इसके बाद ग्राम पंचायतें आवंटित होंगी तो उनके डोंगल फिर बनेंगे इससे कामधाम प्रभावित होगा। वहीं एक और समस्या यह है कि अगर इस समय कलस्टर व्यवस्था लागू की गई तो जिले की सभी 1165 ग्राम पंचायतों में की व्यवस्था गड़बड़ाएगी क्योंकि सभी सेक्रेटरी की ग्राम पंचायतें बदलेंगी ऐसे में नई ग्राम पंचायतों में ज्वाइन करना होगा और प्रधानों से तालमेल बिठाने में महीनों लग जाएंगे। आवास, शौचालय का लक्ष्य पूरा करने में, मनरेगा सहित अन्य कामकाज प्रभावित होंगे। ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायक की तैनाती होनी है। इसका भी समय निर्धारित है। उधर राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन ने इस नई व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। संघ के जिलाध्यक्ष सुशील सिंह ने डीएम को ज्ञापन देकर कहा है कि दिसम्बर से कामधाम वैसे प्रभावित हैं। भौगोलिक व राजनैतिक स्थितियां भिन्न होने के कारण नई व्यवस्था से विकास कार्य बाधित होंगे।

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पीडी ने कहा थम सकते हैं विकास कार्य

-कलस्टर सिस्टम पर परियोजना निदेशक केके पांडेय ने बताया कि कलस्टर व्यवस्था ठीक है, लेकिन इस समय लागू होने से पूरे जिले में करीब दो माह तक विकास कार्य नहीं हो पाएगा। जिले में कहीं ऐसा नहीं है कि भौगोलिक दृष्टि से ग्राम सचिव 15-20 किलोमीटर की दूरी पर नहीं तैनात हैं। कलस्टर बहुत पहले लागू होना था, प्रदेश के किसी जिले में इसे लागू नहीं किया गया है। कलस्टर लागू हुआ तो 50 से 60 प्रतिशत सचिवों के तबादले होंगे। डीपीआरओ सौम्यशील सिंह का कहना है कि हाल ही में 41 सचिवों का तबादला हुआ है, इससे 303 ग्राम पंचायतों का कार्य प्रभावित हो रहा है। कलस्टर लागू करने के लिए विभाग ने पूरा होमवर्क कर लिया गया है।

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