एक नहीं, खीरी में और भी हैं नटवरलाल, अधिकारियों पर झाड़ते हैं रौब
ईसानगर के एक नटवरलाल को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। वह खुद को मंत्री का ओएसडी बताकर अधिकारियों से अपने काम निकलवाता था। खीरी में सिर्फ यही एक नटवरलाल नहीं है जो ये काम करता था। कुछ और भी हैं जो खुद...
ईसानगर के एक नटवरलाल को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। वह खुद को मंत्री का ओएसडी बताकर अधिकारियों से अपने काम निकलवाता था। खीरी में सिर्फ यही एक नटवरलाल नहीं है जो ये काम करता था। कुछ और भी हैं जो खुद को मंत्रियों का करीबी बताकर अधिकारियों पर रौब झाड़ते हैं। बात करीब एक साल पहले की है। एक नटवरलाल खुद को डिप्टी सीएम का पीआरओ बताकर पुलिस आफिस में दाखिल हुआ। अधिकारियों ने उसको इज्जत दी तो वह डीएम और एसपी के पास बैठने लगा और अपने उल्टे सीधे काम करवाने लगा। धीरे-धीरे उसका भांडा फूटने लगा। तब लोगों को पता चल कि वह डिप्टी सीएम का पीआरओ नहीं है।
अधिकारियों के बीच इसकी तेजी से चर्चा हुई। इस चर्चा के बाद उस नटवरलाल ने अधिकारियों के पास जाना कम कर दिया। वह अब भी कभी-कभार अधिकारियों के ऑफिस में बैठे हुए देखा जाता है। इसी तरीके के एक और नटवरलाल ने करीब तीन महीना पहले एक पुलिस अधिकारी को फोन किया था। उसने फोन करते ही खुद को डिप्टी सीएम का रिश्तेदार बताया और अधिकारी को गलत काम करने के लिए आदेशित किया। इस नटवरलाल ने तो काम न करने पर अधिकारी को ट्रांसफर करवा देने की धमकी तक दे डाली। यह सुनकर उस समय तो अधिकारी हक्का-बक्का रह जाए। लेकिन बाद में इसकी छानबीन शुरू करा दी तो यह निकल कर आया कि फोन करने वाला डिप्टी सीएम का रिश्तेदार नहीं है। बल्कि वह कोई नटवरलाल है। हालांकि यह कौन है यह भी पता नहीं चल पाया। इसी वजह से उसके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। उसने दोबारा कभी फोन भी नहीं किया।