चार वर्ष की बच्ची से दुराचार के आरोपी को उम्रकैद
चार वर्षीय बालिका से दुराचार के एक मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया है। एडीजे रामलाल ने आरोपी को आजीवन कारावास समेत बीस...
लखीमपुर-खीरी।
चार वर्षीय बालिका से दुराचार के एक मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया है। एडीजे रामलाल ने आरोपी को आजीवन कारावास समेत बीस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया।
पाक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक बृजेश पांडे ने बताया कि गोला थाना क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला एक व्यक्ति अपने परिवार सहित खेत में बने मुर्गी फार्म पर काम करता था। उसी मुर्गी फार्म पर गोला थाना क्षेत्र के ही जगन्नाथपुर का रहने वाला मुकेश कुमार भी काम करता था। 31 अक्टूबर 2017 को दोपहर करीब एक बजे मुकेश कुमार उस व्यक्ति की 4 वर्षीय बेटी को बिस्कुट देने के बहाने गन्ने के खेत में ले गया और दुराचार करने लगा। बेटी की चिल्लाने की आवाज सुनकर उसका पिता और मुर्गी फार्म मालिक दौड़ कर वहां पहुंचे तो मुकेश कुमार भाग गया। पीड़िता बेटी के माता पिता उसको गंभीर हालत में थाने लेकर गए और रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने विवेचना करते हुए पीड़िता को इलाज के लिए जिला चिकित्सालय भेजा। उसके बाद उसकी गंभीर हालत को देखते हुए लखनऊ भेज दिया गया। विवेचना के बाद पुलिस ने आरोपी मुकेश कुमार के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़िता बच्ची ने अपने साथ हुई दरिंदगी के बारे में तफ्सील से बताया। एडीजे रामलाल ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद बच्ची के बयान, मेडिकल रिपोर्ट और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर आरोपी मुकेश कुमार को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास समेत बीस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया। कोर्ट ने जुर्माना राशि जमा होने पर पूरी धनराशि पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं। साथ ही विक्टिम कम्पनसेशन स्कीम के तहत प्रतिकर दिलाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भी निर्देशित किया है।
तीन चश्मदीद गवाह सुनवाई में मुकरे
-पीड़िता बच्ची के साथ हुई दरिंदगी के तीन चश्मदीद गवाह थे। इनमें दो तो पीड़िता के माता पिता ही थे। तीसरे गवाह महेंद्र पाल वर्मा था, जो उस खेत मालिक था, जिसमें मुर्गी फार्म बना था। पीड़िता के माता-पिता और महेंद्र पाल वर्मा तीनों अदालत में अपने बयानों से मुकर गए। लेकिन कोर्ट ने विवेचक मधुकांत मिश्र की सटीक विवेचना, पीड़िता बच्ची के बयानों और मेडिकल रिपोर्ट पर विश्वास करते हुए आरोपी को दोषी पाया और सजा सुना दी।