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कुसुम ने दुधवा में फैलाई हर ओर लाली

दुधवा नेशनल पार्क में कुसुम का पेड़ लाली बरसा रहा है। इस पेड़ की लाल पत्तियों की वजह से दुधवा का प्राकृतिक सौन्दर्य और भी खिल सा गया है। पार्क प्रशासन का कहना है कुसुम के पेड़ का यह लाल रंग महज कुछ...

कुसुम ने दुधवा में फैलाई हर ओर लाली
हिन्दुस्तान टीम,लखीमपुरखीरीThu, 11 Apr 2019 01:10 PM
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दुधवा नेशनल पार्क में कुसुम का पेड़ लाली बरसा रहा है। इस पेड़ की लाल पत्तियों की वजह से दुधवा का प्राकृतिक सौन्दर्य और भी खिल सा गया है। पार्क प्रशासन का कहना है कुसुम के पेड़ का यह लाल रंग महज कुछ दिनों के लिए रहता है। 20 से 22 दिन के बाद इसकी लाल पत्तियां अन्य पेड़ों की तरह ही हरी हो जाती है।

दुधवा के जंगल में टाइगर के अलावा भी कई तरह के प्राकृतिक दृश्य हैं। इनमें ही कुसुम का यह पेड़ है जो पूरे साउथ एशिया में हरे रंग के पत्तों की जगह पर लाल पत्तों के लिए जाना जाता है। यह अलग बात है कि पत्तों यह लाल रंग महज 20 से 22 दिन ही रहता है। दुधवा के अलावा दक्षिण खीरी वन प्रभाग की गोला रेंज, दुधवा के बफरजोन सहित इन पेड़ों की अधिकता है। दुधवा में पतझड़ के मौसम के बाद कुसुम के पेड़ में लाल पत्तियों आने के दौरान दुधवा आने वाले सैलानियों को यह नजारा दिखाने को पार्क प्रशासन ने इंतजाम कर रखे है। दुधवा नेशनल पार्क के फील्ड डायरेक्टर रमेश पांडे ने बताया कि कुसुम सोपबेरी फैमिली का पेड़ है। यह भारत में हिमालयन रीजन की तहलटी में पाया जाता है। दुधवा में इन पेड़ों की बहुतायत है। लोगों को इन पेड़ की इस खूबी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है इसके चलते लोग इससे वंचित हो जाते है। पार्क प्रशासन ने इन विशेष पेड़ो की देखभाल को खास बंदोबस्त किए है। कुसुम पेड़ चीन, मलेशिया, श्रीलंका, इंडोनेशिया, थाईलैंड में भी पाया जाता है। इसके साथ ही भारत के सबसे बड़े प्रदेश और उसके सबसे बड़े जिला खीरी के दुधवा नेशनल पार्क में इसकी बहुतायत है। इसके बाद मध्यप्रदेश और बिहार में भी कुछ एक जगहों पर यह पेड़ दिखता है।

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