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जानिए क्या है यूपी का सोनम हत्याकांड, जिसने गर्मा दी थी सियासत

साल था 2011। महीना जून का। जबरदस्त गर्मी। ऐसे माहौल में यूपी के खीरी जिले में ऐसा कांड हुआ कि सूबे की बसपा सरकार हिल गई। यह मामला था खीरी जिले की एक लड़की सोनम के मर्डर का। जिसकी लाश थाने के अंदर...

जानिए क्या है यूपी का सोनम हत्याकांड, जिसने गर्मा दी थी सियासत
लखीमपुर-खीरी। हिन्दुस्तान संवादTue, 25 Feb 2020 01:01 PM
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साल था 2011। महीना जून का। जबरदस्त गर्मी। ऐसे माहौल में यूपी के खीरी जिले में ऐसा कांड हुआ कि सूबे की बसपा सरकार हिल गई। यह मामला था खीरी जिले की एक लड़की सोनम के मर्डर का। जिसकी लाश थाने के अंदर लटकती मिली थी। नौ साल बाद इस मामले में दो पुलिसकर्मियों को दोषी माना गया है। इनको 26 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी। निघासन थाना प्रांगण में 10 जून 2011 को नाबालिग बालिका सोनम का शव मिला था। 

निघासन थाना परिसर में हुई सोनम हत्याकांड के मामले में लखनऊ सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रदीप सिंह ने दो पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया है। न्यायालय ने तत्कालीन सीओ इनायत उल्ला खां को साक्ष्य मिटाने और सिपाही अतीक अहमद को हत्या व सबूत मिटाने का दोषी पाया है। वहीं कोर्ट ने दो अन्य आरोपित सिपाही शिवकुमार और उमाशंकर को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। निघासन के तत्कालीन सीओ इनायत उल्ला खां और सिपाही शिवकुमार व उमाशंकर के खिलाफ सबूत मिटाने और सीओ के गनर रहे अतीक अहमद पर हत्या व सबूत मिटाने का आरोप पत्र दाखिल किया गया था।  

10 जून 2011 को वादिनी तरन्नुम ने एफआइआर दर्ज कराई थी। आरोप है कि उनकी बेटी सोनम भैंस चराने गई थी। भैंस चराते हुए थाने के अंदर चली गई थी। काफी समय बाद भी जब उनकी बेटी वापस नहीं लौटी तो वह उसकी तलाश में थाना परिसर में गई तो देखा कि उनकी बेटी का शव लटक रहा था। सोनम के शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे। हत्या का आरोप लगाकर एफआइआर दर्ज कराई गई थी। सोनम का शव थाने परिसर में पेड़ की डाल से दुपट्टे से लटकता मिला था।  मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी।

सीबीआई ने भले ही घटना के एक वर्ष बाद ही राजफाश कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। इस कांड को आत्महत्या का रूप देने वाली पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाने वाले तीन डॉक्टरों को 2018 में तीन डॉक्टरों को सीजेएम कोर्ट ने सजा सुनाई थी। इस केस के सामने आने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी, भाजपा से उमा भारती, सूर्य प्रताप शाही गांव पहुंचे थे और हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग की थी।

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