किसी और का फोटो लगाकर निकल गई खाते से आवास की रकम
लुधौरी की एक महिला का प्रधानमंत्री आवास सूची में नाम होने के बावजूद उसको आवास नहीं दिया गया। अफसरों ने उसके पति को बारह साल पहले इंदिरा आवास मिलने की बात कही। महिला की शिकायत पर सांसद प्रतिनिधि ने...
लुधौरी की एक महिला का प्रधानमंत्री आवास सूची में नाम होने के बावजूद उसको आवास नहीं दिया गया। अफसरों ने उसके पति को बारह साल पहले इंदिरा आवास मिलने की बात कही। महिला की शिकायत पर सांसद प्रतिनिधि ने छानबीन की तो जालसाजी कर रकम निकालने की बात पता चली।
कस्बे की एक बैंक में महिला के पति के नाम से खाता खोलकर पच्चीस हजार रुपए निकाल लिए गए। उसका पहचान कार्ड भी बैंक आलमारी से नदारद मिला। कंप्यूटर पर पति की जगह किसी और का फोटो पाया गया। इस मामले में सांसद ने डीएम को पत्र लिखकर जांच कर कार्रवाई को कहा है। दो किश्तों निकाली बताई पच्चीस हजार की रकम इलाके के लुधौरी गांव की सोनमती के मुताबिक उसके पति रामधार की वर्ष 2006 में मौत हो चुकी है। उसने बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की सूची में उसका नाम है लेकिन ग्राम विकास अधिकारी और बीडीओ ने उसको आवास देने से मना कर दिया। इसकी वजह उसके पति को 2007-08 में इंदिरा आवास मिल चुका होना बताया गया जबकि बकौल सोनमती उसके पति को कभी कोई आवास नहीं मिला। वह आज भी अपने बच्चों धीरज और अरुण के साथ छप्पर के घर में रहती है। बीडीओ आलोक वर्मा ने बताया कि सोनमती के पति रामधार ने इलाहाबाद बैंक निघासन में अपने खाते से 2008 में आई इंदिरा आवास की पच्चीस हजार की रकम दो किश्तों में निकाली है। रामधार का पहचान कार्ड मिला गायब सोनमती ने इस बाबत अपने गांव के ही रहने वाले सांसद प्रतिनिधि अरविंद सिंह संजय को इसकी जानकारी देकर मदद मांगी। उन्होंने बीडीओ से बात करके उनसे मिले बैंक एकाउंट की बाबत मैनेजर से जानकारी मांगी। वहां चेक करने पर पाया गया कि जिस रैक में खाताधारकों के पहचान कार्ड रखे जाते हैं, उसमें रामधार का कार्ड नदारद था जबकि उसके आगे-पीछे के खातेदारों के कार्ड रखे थे। लेजर से 2008 में दो बार में पच्चीस हजार की निकासी मिली। आशंका है कि दलालों और ठगों ने सांठगांठ करके रामधार के नाम से किसी और का फोटो लगाकर खाता खोलने के बाद रकम निकाल ली।
कंप्यूटर में बैंक खाते पर लगा किसी और का फोटो इस बैंक का 2010 में बैंक का कंप्यूटरीकरण हुआ था। इस वजह से कंप्यूटर पर इसके बाद से ही लेनदेन का ब्यौरा पाया गया लेकिन इस पर रामधार के पहचान कार्ड की जो स्कैन फोटो लगी थी, वह सोनमती ने रामधार की जगह किसी और की बताई। इससे यह अंदाजा लगाया जाता है कि रैक से पहचान कार्ड 2010 के बाद हटाया गया। जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत में गरीब के साथ हुई इस ठगी पर सांसद अजय मिश्र टेनी ने डीएम को पत्र लिखकर जांच करने और महिला को आवास दिलाने की सिफारिश की है।
मामला मेरे समय से बहुत पहले का है। कार्ड गायब करने आदि क्या, कैसे हुआ, इसकी जांच की जा रही है। इसके बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।
-अभिलेश रस्तोगी, मैनेजर इलाहाबाद बैंक निघासन
रिकार्ड में महिला के पति को 2007-08 में इंदिरा आवास मिला था। इस वजह से उसका प्रधानमंत्री आवास सूची में नाम होने के बावजूद आवास नहीं दिया गया। उसकी बात सुनने के बाद ही मैंने उसको उसके पति के बैंक खाते की डिटेल दी थी। खाते में किसी और का फोटो होने की बात कही गई है। जांच के बाद ही आगे कुछ किया जा सकता है।
-आलोक वर्मा, बीडीओ निघासन