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मनुष्य अपने संस्कारों एवं चरित्र से बनता है देवतुल्य: उमा दास

मनुष्य अपने उत्कृष्ट कर्मों, सेवाभाव, संस्कारों और उत्तम चरित्र से देवतुल्य कहलाता है। सभी मनुष्यों को लोक कल्याण को ध्यान में रखते हुए सद्मार्ग को चुनना चाहिए। यह बातें गांव पडुखिया में श्री सीताराम...

मनुष्य अपने संस्कारों एवं चरित्र से बनता है देवतुल्य: उमा दास
हिन्दुस्तान टीम,लखीमपुरखीरीFri, 24 Aug 2018 01:18 AM
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मनुष्य अपने उत्कृष्ट कर्मों, सेवाभाव, संस्कारों और उत्तम चरित्र से देवतुल्य कहलाता है। सभी मनुष्यों को लोक कल्याण को ध्यान में रखते हुए सद्मार्ग को चुनना चाहिए। यह बातें गांव पडुखिया में श्री सीताराम सेवा चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित अखिल विश्व कल्याण कथामृत वर्षा के दौरान कथा वाचक स्वामी डॉ उमा दास जी महराज ने कहीं।

सात दिन तक चले कथा आयोजन में भक्तों ने दोपहर व् सांय कालीन बेला में प्रवचन का आनंद लिया। धर्म का प्रचार करने निकले स्वामी डा.उमा दास जी महाराज परमधाम अयोध्या ने अपने भक्तों को उपदेश देते हुए कहा कि सुंदर संस्कार और शुभ चरित्र मानव को देवता बना देते हैं। इस दौरान मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की विभिन्न कथाओं को सुनाया गया। आयोजन के दौरान अवधेश कुमार वर्मा, शिवनाथ वर्मा, विनोद यादव, लालता यादव, रामू यादव, महेश कुमार सहित सैकड़ों भक्त मौजूद रहे।

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