मदद को उठे हाथ, पर अभी सिर पर छांव नहीं
भीषण अग्निकांड में जलकर खाक हो चुके बस्तौली गांव में दूसरे दिन पीड़ित खुले में रहने को मजबूर रहे। वहीं अलग-अलग जगहों से पहुंचे लोगों ने लंच पैकेट वितरित कर पीड़ित ग्रामीणों को भोजन ...
भीषण अग्निकांड में जलकर खाक हो चुके बस्तौली गांव में दूसरे दिन पीड़ित खुले में रहने को मजबूर रहे। वहीं अलग-अलग जगहों से पहुंचे लोगों ने लंच पैकेट वितरित कर पीड़ित ग्रामीणों को भोजन कराया।
भीरा थाना क्षेत्र के गांव बस्तौली में सोमवार की दोपहर अचानक आग लग गई थी। अग्निकांड में ग्रामीणों के करीब 60 घर जलकर राख हो गए। घरों में रखा करीब 50 लाख से ज्यादा का सामान जलकर राख हो गया। आग बुझाने में दो महिलाओं समेत पांच ग्रामीण झुलस गए। कई मवेशी जिंदा जल मरे।
अब तक प्रशासन गांव में मदद नहीं पहुंचा सका है। पर बस्तौली गांव में आग से सबकुछ गंवा चुके लरेके लिए मदद के लिए आगे आ रहे लोग उनके लिए मसीहा से कम नहीं। चिलचिलाती धूप में बेघर हुए लोग को छांव तक नहीं मिल रही। हादसे के बाद एसडीएम गोला सुनंदू सुधाकरन, एसओ अनिल कुमार, चौकी इंचार्ज ने चौकी स्टाफ की मदद से रात को ही समोसे वितरित किये थे। वहीं एसडीएम के आदेश पर ग्राम प्रधान ने भोजन की व्यवस्था की थी। बसतौली में अग्निकांड के बाद कई लोग ग्रामीणों की मदद को आगे आये सबसे पहले गुलरिया चीनी मिल की तरफ से निवास कापरी के नेतृत्व में अग्निपीडितो को लंच पैकेट दिया। इसके बाद ठाट नानक सर पड़रिया तुला गुरुद्वारा की तरफ से भी लंगर की व्यवस्था की गई। वहीं बिजुआ कस्बे के युवाओं ने भी बसतौली में लंच पैकेट बंटवाये। इसके अलावा ह्यूमन वेलफेयर फॉउंडेशन गोला गोकर्णनाथ अध्यक्ष व समाजवादी पार्टी के नेता वारिस अली अंसारी पीड़ित परिवारो को राहत सामग्री व खाना बंटवाया।