नेपाल सीमा पर परोसी जा रही खतरनाक मछली
भारत नेपाल सीमा पर इन दिनों आंध्र प्रदेश से रिजेक्ट की गई मछलियों व अन्य प्रदेशों में रिजेक्ट हुए मुर्गे को खपाया जा रहा है। आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश में जिन मछलियों को प्रतिबंधित कर कड़ी सजा का...
भारत नेपाल सीमा पर इन दिनों आंध्र प्रदेश से रिजेक्ट की गई मछलियों व अन्य प्रदेशों में रिजेक्ट हुए मुर्गे को खपाया जा रहा है। आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश में जिन मछलियों को प्रतिबंधित कर कड़ी सजा का प्रावधान है, उन्हें भारत नेपाल सीमा पर लाकर महंगे दामों में बेंच कर खूब पैसा कमाया जा रहा है।
इन सब चीजों में बॉर्डर पर तैनात तकरीबन सभी एजेंसियां शामिल हैं। बिना पर्याप्त जांच व विभागीय गंभीरता बरते यह कैंसर जैसे खतरनाक बीमारी का सबब हो सकता है। लखनऊ में बड़ा मछली बाजार है, जहां आंध्र प्रदेश से रोज मछलियों की आपूर्ति हो रही है। विभिन्न ट्रकों के जरिये कई टन मछली लखनऊ मछली बाजार पहुंचती है। यहां से इन्हें सीमावर्ती जिले में वितरित किया जाता है। ऐसे में आंध्रप्रदेश से लाई जा रही मछलियों की पैकिंग में फार्मेलिन जैसा खतरनाक रसायन इस्तेमाल हो रहा है, जिससे लोगों को स्वाद के चक्कर में गंभीर बीमारी हो सकती है। जबकि जिले का मत्स्य विभाग इस मसले पर मौन है।
मछलियों को ताजा रखता है यह जहर
फार्मेलिन मानव स्वास्थ्य के लिए जहर की तरह काम करने वाला फार्मेलिन मछलियों को कई दिनों तक ताजा रखने के लिए प्रयोग होता है। आंध्र प्रदेश से मछलियों को यहां आने में कई दिन लग जाते हैं, इसके बाद उसे बिकने में भी समय लगता है। इस अवधि में मछलियां सड़ सकती हैं। उन्हें कई दिनों तक ताजा रखने के लिए मुनाफाखोर इस रसायन का लेप कर रहे हैं।
बहुत हानिकारक है यह
शुचि शुक्ला का कहना है कि किडनी, लीवर डैमेज व कैंसर फार्मेलिन का शरीर में पहुंचना बहुत हानिकारक है। इससे पाचन तंत्र की समस्या होती है, जिससे पेट दर्द से लेकर डायरिया की समस्या होती है। इससे किडनी और लीवर डैमेज आदि बीमारियों का भी खतरा होता है।