जन्मजात बीमारी के शिकार चार बच्चे लखनऊ
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम टीम की मेहनत पर वाहन पानी फेर रहे है। आरबीएसके कार्यक्रम के महत जन्मजात नौ बीमारियों से परेनशान चार बच्चों को फरधान से लखनऊ इलाज के लिए भेजा...
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम टीम की मेहनत पर वाहन पानी फेर रहे है। आरबीएसके कार्यक्रम के महत जन्मजात नौ बीमारियों से परेनशान चार बच्चों को फरधान से लखनऊ इलाज के लिए भेजा गया। कई घंटे के इंतजार के बाद बीमार बच्चों और शाम के समय किराया का वाहन करने के बाद लखनऊ इलाज के लिए भेजा गया। इन बच्चों में एक बच्चे को दिल में छेद की बीमारी, दो बच्चों को डिस्प्लेसिया ऑफ हिप और जन्मजात बहरापन की बीमारी से परेशान है। शुक्रवार को जिले से चार बच्चों को जन्मजात बीमारी से निजात दिलाने को लखनऊ के लिए भेजा गया। इन बच्चों और इनके परिवार के लोगों को सुबह से शाम तक वाहन न मिल पाने की वजह से सीएमओ ऑफिस के बाहर ही अपने सामान और बच्चों के साथ बैठे रहने पर विवश होना पड़ा। काफी मशक्कत के बाद इनको शाम के समय प्राइवेट वाहन को किराया पर लेकर भेजा जा सका।
फरधान से जानें वाले बच्चों में महमदपुर महेवा के रहने वाले बृजेश के बेटे प्रीतम, सत्येंद्र के बेटे आर्दश, अनुज वर्मा के बेटे दिव्यांश और अरुण के बेटे भानु प्रताप को जन्मजात होने वाली बीमारी से परेशान होने पर इलाज के लिए लखनऊ भेजा गया। वाहन न मिल पाने के पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि आरबीएसके की टीम को आने जानें के लिए महकमे की तरफ से ठेका कर वाहन दिए जाते है। इस बार हुई ई निविदा के डेढ़ माह बीत जानें के बाद भी अभी भी ठेकेदार ने वाहन उपलब्ध नहीं कराए है। इसके चलते मरीजों को लखनऊ भेजने के साथ ही टीम के गांव स्तर पर जाकर काम करने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। इसके बाद भी टीम अपने काम को बेहतर तरीके से करके बच्चों को नौ तरह की होने वाली जन्मजात बीमारियों से निजात दिलाने में लगी हुई है।