खीरी में बुखार ने ली तीन और बच्चों की जान
खीरी में बच्चों पर बुखार का कहर जारी है। सोमवार को भी तीन बच्चों को बुखार ने अपना शिकार बना लिया। मरने वाले बच्चों में एक का जिला अस्पताल में और बाकी का दो अन्य जगहों पर चल रहे इलाज के दौरान मौत हो...
खीरी में बच्चों पर बुखार का कहर जारी है। सोमवार को भी तीन बच्चों को बुखार ने अपना शिकार बना लिया। मरने वाले बच्चों में एक का जिला अस्पताल में और बाकी का दो अन्य जगहों पर चल रहे इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके साथ ही एक बच्चे में एईएस की पुष्टि हुई है। तमाम दावों और कोशिशों के बाद भी प्रदेश के सबसे बड़े जिला में बुखार पर रोक नहीं लग पा रही है। इसका ही नतीजा है कि रोजाना ही इससे असमय ही बच्चों के मरने का सिलसिला तीन तक पहुंच गया है। आलम यह है कि इसके बाद भी जिम्मेदार इसको लेकर सजगता नहीं बरत रहे है। जिला अस्पताल के चिल्ड्रेन वार्ड में भीरा के रहने वाले ओमप्रकाश के सात साल के बेटे रतिराम को बुखार से परेशान होने पर भर्ती कराया गया। महज पन्द्रह मिनट चले इलाज के बाद रात करीब पौने एक बजे उसकी मौत हो गई। इसके साथ सोमवार को जिला अस्पताल में गांव बम्भनपुर के रहने वाले इशरत अली के डेढ़ साल के बेटे जैनुल को तेज बुखार और झटके आने पर भर्ती कराया गया। इसमें एईएस की पुष्टि होने उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया। आईसीयू में सोमवार को दो साल के शिवम, दस साल के चन्द्रप्रकाश और जैनुल भर्ती है। नकहा-खीरी। नकहा क्षेत्र में सोमवार को बुखार से दो बच्चियों की मौत हो गई। एक बच्ची का इलाज लखनऊ में चल रहा था और दूसरी बच्ची घर पर ही रहकर इलाज करा रही थी। गांव केवलपुरवा में रहने वाले अनुज मौर्या की डेढ़ साल की बेटी अंजूदेवी को 15 अगस्त को तेज बुखार ने घेरा था। अंजू को पहले नकहा सीएचसी फिर जिला अस्पताल भर्ती कराया गया। जिला अस्पताल से लखनऊ के लिए रेफर किया गया। लखनऊ में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। गांव शंकरपुर में रहने वाले ओमकार की तीन साल की बेटी पारुल को भी तेज बुखार की शिकायत थी। परिवार वाले उसका इलाज गांव के ही एक डॉक्टर से करा रहे थे। घर पर चल रहे इलाज के दौरान इसकी मौत हो गई।