लखीमपुर-खीरी।
सीतापुर-लखीमपुर के बीच 133 साल बाद पहली बार रेलवे ट्रैक पर बिजली का इंजन दौड़ाया गया। सीतापुर से लखीमपुर तक पहुंचने में इलेक्ट्रिक इंजन को मात्र 40 मिनट का समय लगा।
सीतापुर-लखीमपुर रेलखंड पर विद्युतीकरण का काम पूरा हो गया है। सीआरएस ट्रायल से पहले कार्यदाई संस्था इस रेल प्रखंड पर इंजन ट्रायल किया है। शनिवार को सीतापुर रेलवे स्टेशन से 5:35 पर इलेक्ट्रिक इंजन ट्रायल के तौर पर लखीमपुर के लिए रवाना हुआ। इलेक्ट्रिक इंजन 6:15 पर लखीमपुर पहुंच गया। इस दौरान इलेक्ट्रिक इंजन की स्पीड 90 किलोमीटर प्रति घंटा की रही। कार्रदाई संस्था का पहला इंजन ट्रायल पूरी तरह से सफल रहा है। सीआरएस से पहले और भी इंजन ट्रायल किया जाएगा। दिसंबर माह में 8 से 10 दिसंबर के बीच सीआरएस ट्रायल कराने को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है। इंजन ट्रायल इलेक्ट्रिक इंजन संख्या 31 751 बैग 9 से किया गया। इलेक्ट्रिक इंजन को लोको पायलट दिनेश कुमार और सहायक पायलट महेंद्र कुमार ने ट्रायल के तौर पर चलाया। इंजन ट्रायल के दौरान मुख्य परियोजना अधिकारी निश्चल श्रीवास्तव सेक्सन प्रभारी जगन्नाथ मिश्र के नेतृत्व में किया गया। इस दौरान अशोक कुमार अभय कांत झा वीरेंद्र कुमार आशीष सिंह श्रीनिवास देना सहित कई लोग मौजूद रहे।
काम पूरा, अब दौड़ रहा 25000 वोल्ट का करंट
विद्युतीकरण का काम पूरा होने के साथ ही बिजली लाइन में करंट भी दौड़ाया जा रहा है। कार्यदाई संस्था का कहना है कि शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक इस लाइन में करंट 25000 बोल्ट का करंट प्रवाहित किया जाता है। ऐसे में लोगों को विद्युतीकरण की लाइन और खंभे के आस पास जाना खतरनाक हो सकता है। लोग इसको लेकर सावधानी बरते।
लखीमपुर- सीतापुर के बीच लगे विद्युतीकरण को खंभे-863
फाउंडेशन बने- 1022
लखीमपुर गोला के बीच लगे खंभे- 680
सीतापुर से लखीमपुर के बीच रेलवे क्रासिंगों पर हाईटगेज का काम पूरा
लोगों को बिजली के करंट से बचाने और बिजली लाइन को सुरक्षित रखने को सभी रेलवे क्रासिंगों पर हाईटगेज लगाए जा रहे है। इससे ओवरलोड वाहन इनसे नहीं गुजर सकेंगे। इन हाईटगेज की ऊंचाई 4.67 मीटर रखने का मानक है। इसी पर काम किया जा रहा है।
गेट संख्या 122 तक हाईटगेज का काम पूरा
सीतापुर-गोला रेल प्रखंड में 28 रेलवे क्रसिंग है। फरधान तक 23 क्रासिंगे है। इनमें लखीमपुर की गेट संख्या 122 तक हाईटगेज का काम पूरा होने के बाद लाइन भी खींच दी गई है।