आज शाम को बंद हो जाएंगे दुधवा के कपाट
प्रदेश के इकलौते विश्वविख्यात दुधवा नेशनल पार्क के बंद होने की तिथि नजदीक आने लगी है। शनिवार की शाम को पार्क के द्वार पर्यटकों के लिए बंद कर दिए जाएंगें, लेकिन इस बार दुधवा नेशनल पार्क में सैलानियों...
प्रदेश के इकलौते विश्वविख्यात दुधवा नेशनल पार्क के बंद होने की तिथि नजदीक आने लगी है। शनिवार की शाम को पार्क के द्वार पर्यटकों के लिए बंद कर दिए जाएंगें, लेकिन इस बार दुधवा नेशनल पार्क में सैलानियों को बाघ के दीदार आसानी से होने के कारण उनमें खासा रोमांच दिखाई दे रहा है।
दुधवा नेशनल पार्क नवंबर में खुलने के बाद मानसून सत्र के पहले 15 जून को सैलानियों के लिए बंद कर दिया जाता है। क्योंकि जंगल के रास्ते में बरसात होने के कारण कच्चे रास्तों पर जलभराव हो जाता है। इस बार सैलानियों को आसानी से बाघ के दीदार होते रहे। जंगल के भदरौला ताल के पास सैलानियों ने बाघ को अपने शावकों के साथ देखा है। जिससे वह रोमांचित दिखाई दिए।
इसके साथ ही गैंडा, हाथी, हिरन आदि के भी दर्शन सैलानियों को लुभा रहे हैं। अंतिम दौर में आम सैलानी तेजी से दुधवा आ रहे हैं, जिनमें केवल बाघ को देखने का रोमांच दिखाई देता है। जिसके कारण सभी थारूहट व रेस्ट हाउस हाउसफुल हैं, इसके कारण ही पार्क की ऑनलाइन बुकिंग भी बंद कर दी गई है। बता दें कि इस बार के सत्र में दुधवा के इतिहास में कैनन की तरफ से कराई गई फोटोग्राफी भी काफी चर्चा का विषय रही थी। देश के कोने-कोने से पहुंचे बेहतरीन वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफरों ने दुधवा के प्राकृतिक व हरियाली स्वरूप को अपने-अपने कैमरों में कैद किया था। इस बारे में दुधवा टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर महावीर कौजलगि ने बताया कि इस बार का पर्यटन सत्र काफी अच्छा रहा और भारी संख्या में सैलानियों का तांता लगा रहा। बताया कि कोई विवाद भी इस सत्र में न होने के कारण यह सत्र बढ़िया ही साबित हुआ है।