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बंगाल की गम्बूजिया खा गई डेंगू, मलेरिया और जेई

बंगाल से लाई गई गम्बूसिया मछलियों ने खीरी जिले में मच्छर जनित रोगों के फैलाव पर रोक लगा दी। तालाबों में मच्छरों का लार्वा खाकर रोग पर काबू कर...

बंगाल की गम्बूजिया खा गई डेंगू, मलेरिया और जेई
हिन्दुस्तान टीम,लखीमपुरखीरीThu, 04 Feb 2021 03:17 AM
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बंगाल से लाई गई गम्बूसिया मछलियों ने खीरी जिले में मच्छर जनित रोगों के फैलाव पर रोक लगा दी। तालाबों में मच्छरों का लार्वा खाकर रोग पर काबू कर लिया। वर्ष 2018 में मौजूदा सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने जिले में डेंगू जापानी इंसेफलाइटिस, मलेरिया और फाइलेरिया जैसी बीमारियों पर रोक लगाने के लिए मच्छरों का लार्वा खाने वाली मछली मंगवाई थी।

इस मछली को लखनऊ के एक वेंडर से बंगाल से मंगाया गया। पहली खेप के तौर पर 3000 मछलियां खीरी जिले में आई। इन मछलियों को सीएमओ आवास में बने तालाब में डालकर पाला गया। इसके बाद इनकी बढ़ती संख्या के चलते जिले के करीब 1400 तालाबों में डाला गया। इन मछलियों का असर दो साल में दिखना भी शुरू हो गया। वर्ष 2020 में मलेरिया,जेई, एइएस डेंगू और फाइलेरिया जैसी बीमारियों के रोगियों में काफी कमी दर्ज कर की गई।

यह है गम्बुजिया मछली

गम्बूसिया मछली डेढ़ से 2 इंच की लंबी होती है। यह 1 दिन में मच्छरों के 100 लार्वा खा सकती है। एक माह में इन मछलियों की संख्या दोगुनी होती है।

दायूं व सीतापुर भी भेजी गईं मछलियां

गम्बूसिया मछली के मच्छरों के लार्वा खाने की विशेषता के चलते बीमारियों पर रोक लगने में सहायता मिलने पर खीरी जिले से सटे कई जिलों ने इन मछलियों को भेजने की मांग की थी। इनमें सीतापुर और बदायूं को मछलियां भेजी भी गई। सीतापुर में मछलियां भेजे जाने के बाद मलेरिया बीमारी पर अंकुश भी लगा है। वहीं शाहजहांपुर, पीलीभीत, हरदोई ,बहराइच आदि जगहों पर मछलियों की ज्यादा संख्या होने पर भेजे जाने की तैयारी की जा रही है।

इस तरह से लगा जिले में बीमारियों पर ब्रेक

मलेरिया : वर्ष 2018 में 187 केस, वर्ष 2019 में 209 केस, वर्ष 2020 में 78 केस

फाइलेरिया : वर्ष 2018 में 98 केस, वर्ष 2019 में 174 केस, वर्ष 2020 में 4 केस

जेई : वर्ष 2018 में 12 केस, वर्ष 2019 में 7 केस, वर्ष 2020 में 4 केस

डेंगू : वर्ष 2018 में 23 केस, वर्ष 2019 में 62 केस, वर्ष 2020 में 37 केस

कोट

गम्बूसिया मछली पालने का प्रयोग काफी हद तक सफल रहा है। इससे मच्छरजनित रोगों में कमी आई है। हम जल्द ही अन्य जिलों को भी मछली देंगे, जिससे बीमारियों पर अंकुश लग सके।

- डॉ. मनोज अग्रवाल, सीएमओ खीरी

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