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भाजपा: टिकट पर टकटकी और सियासी बेचैनी भी-

निकाय चुनाव में भाजपा के टिकट को लेकर दावेदार टकटकी लगाए हैं और बेचैन भी हैं। पार्टी आला कमान अब तक इस मामले में पत्ते नहीं खोल रहा है। इधर सोशल मीडिया पर हर दूसरे दिन खबरें आती हैं जो दावेदारों को...

भाजपा: टिकट पर टकटकी और सियासी बेचैनी भी-
हिन्दुस्तान टीम,लखीमपुरखीरीThu, 02 Nov 2017 05:33 PM
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निकाय चुनाव में भाजपा के टिकट को लेकर दावेदार टकटकी लगाए हैं और बेचैन भी हैं। पार्टी आला कमान अब तक इस मामले में पत्ते नहीं खोल रहा है। इधर सोशल मीडिया पर हर दूसरे दिन खबरें आती हैं जो दावेदारों को पसीना-पसीना कर रही है।निकाय चुनाव में अब दलों की रणनीति पर सबकी नजर है।

सत्तासीन भाजपा से टिकट के तलबगारों की लम्बी कतार है। इसमें नगर पालिका की निवर्तमान अध्यक्ष डॉ. इरा श्रीवास्तव, वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. सतीश कौशल वाजपेयी मौनी की पत्नी निरुपमा वाजपेयी, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष नीरू पुरी, किरन अग्रवाल, पुष्पा सिंह, सुधा वर्मा, सुमन सुनील सिंह, सुमनलता शुक्ला, राजेश्वरी, रश्मि गुप्ता, मंजू गुप्ता, डॉ. सुरचना त्रिवेदी, सुमन मिश्रा, आशा रस्तोगी व रेखा पांडेय आदि 15 ने आवेदन जमा किए हैं। इसके अलावा मोहम्मदी नगर पालिका से पूर्व पालिका अध्यक्ष संदीप मेहारोत्रा और भाजपा नेता श्याम किशोर अवस्थी समेत कई दावेदार हैं। गोला नगर पालिका से विधायक अरविंद गिरि के छोटे भाई धर्मेंद्र गिरि, पूर्व भाजपा महामंत्री विजय शुक्ला, डॉ. प्रीति, विजय माहेश्वरी आदि के नाम भी आवेदकों में हैं। इसी तरह पलिया में भी निवर्तमान पालिका अध्यक्ष केबी गुप्ता समेत कई नेताओं ने भाजपा से आवेदन किया है। पर सबसे ज्यादा पेंचीदगी लखीमपुर नगर पालिका में है। यहां सबसे ज्यादा दावेदार हैं। महिला सीट होने की वजह से नेताओं ने अचानक से अपनी पत्नियों को चुनाव मैदान में उतार दिया है। अब नजर टिकट फाइल होने पर लगी है। भाजपा नेताओं का कहना है कि पहले और दूसरे चरण के टिकट सबसे पहले फाइनल होंगे। इसके बाद आगे के चरण के टिकट घोषित हो सकते हैं। इधर सोशल मीडिया में खबरें चल रही हैं। यहां हर रोज किसी न किसी के नाम पर मुहर लग जा रही है।

चेकलिस्ट के बाद तय होगा टिकट: बताया जाता है कि भाजपा नेतृत्व ने मजबूत और जिताऊ दावेदारों पर अलग से मंथन किया है। दावेदारों की लम्बी लिस्ट को शार्ट किया गया है। अलग-अलग बिंदुओं पर चेकलिस्ट तैयार की गई है। पार्टी यह भी देख रही है कि दावेदार की व्यक्तिगत इमेज क्या है, उसकी जीत के फार्मूले क्या हैं? पब्लिक में दावेदार को लेकर क्या रुझान है। इन तमाम सवालों का जवाब मिलने के बाद ही भाजपा में टिकट तय होंगे।

खुलकर नहीं आ रहे माननीय : सीएम योगी आदित्यनाथ के संकेत के बाद माननीयों ने टिकट को लेकर रुझान कम कर रखा है। हालांकि अंदरखाने माननीय लखनऊ के चक्कर भी काट रहे हैं और दावेदारों को रास्ता भी बता रहे हैं, लेकिन खुलकर सामने नहीं आ रहे। यह पहला मौका होगा, जब माननीय लोग किसी एक दावेदार के साथ मंच पर नहीं आ पा रहे हैं और न ही मनचाहे दावेदार की खुलकर पैरवी ही कर पा रहे हैं। इसके पीछे सीएम की साफ हिदायत कारगर हो रही है।

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