पांच रातें जागकर यतीश ने छह घंटों में पूरी की नींद
रेहरिया निवासी यतीशचंद शुक्ला पांच रातें जागकर विश्व रिकार्ड अपने नाम कर लिया। पांच रातें जगने के बाद भी उन पर नींद का कोई असर नहीं है। इतना ही नहीं उन्हें शारीरिक या कोई बाह्य परेशानी नहीं...
रेहरिया निवासी यतीशचंद शुक्ला पांच रातें जागकर विश्व रिकार्ड अपने नाम कर लिया। पांच रातें जगने के बाद भी उन पर नींद का कोई असर नहीं है। इतना ही नहीं उन्हें शारीरिक या कोई बाह्य परेशानी नहीं है। वह पूरी तरह स्वस्थ हैं और अगले ही दिन कार्यक्रमों में बिजी हो गए हैं। जिले के ग्राम रेहरिया के रहने वाले यतीश चंद्र शुक्ला लगातार 113 घंटे 24 मिनट तक पढ़ते रहे। यह उनका गजब का हौसला था जब वे करीब पांच रातें बराबर जाग रहे थे। गोला कस्बा ही नहीं पूरा जिला इस बात से उत्साहित हुआ कि जिले का एक नौजवान विश्व रिकार्ड अपने नाम करने जा रहा है लेकिन सभी को एक चिंता भी थी विश्व रिकार्ड अपने नाम करने की सनक यतीश कहीं यतीश को भारी न पड़ जाए।
चिकित्सा विज्ञान का भी मानना है कि लगातार पांच छह दिन रात बराबर जागने से कई तरह की शारीरिक और मानसिक बीमारियां हो सकती हैं इसका असर लीवर और किडनी के अलावा मस्तिष्क जैसे महत्वपूर्ण अंगों पर पड़ सकता है लेकिन यतीश के जनून ने इन आशंकाओं को भी खारिज कर दिया। यतीश ने रिकार्ड बनाने के बाद सिर्फ रात में छह घंटे नींद ली और पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इस समय कार्यक्रमों में व्यस्त हैं। ‘हिन्दुस्तान को यतीश ने बताया कि जब वह रिकार्ड बना रहे थे, तब कई बार सोंचते थे कि रिकार्ड टूटने के बाद वह कई घंटे सोएंगे। लेकिन रिकार्ड बनने के बाद जाने वो नींद, थकान कहां लापता हो गई। लोग मिलने आने लगे। इसके बाद घर पहुंचे, खाना खाया और रात को दस बजे सो गए। लेकिन सुबह नींद खुली तो लगा कि वह तरोताजा हैं। इसके बाद उन्होंने खुद दोस्तों को फोनकर बात की। इसके बाद ओयल चले गए। वापस आकर गोला के कार्यक्रम में हिस्सा लिया।