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ताक पर प्रशासन की रेट लिस्ट, चस्पा नहीं कर रहे एम्बुलेंस संचालक

तीन दिन पहले निजी एम्बुलेंस के लिए प्रशासन ने रेट तय किए थे। आदेश यह भी था कि उस रेट लिस्ट को एम्बुलेंस पर चस्पा किया जाएगा। पर निजी एम्बुलेंस...

ताक पर प्रशासन की रेट लिस्ट, चस्पा नहीं कर रहे एम्बुलेंस संचालक
हिन्दुस्तान टीम,लखीमपुरखीरीFri, 14 May 2021 03:04 AM
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लखीमपुर खीरी।

तीन दिन पहले निजी एम्बुलेंस के लिए प्रशासन ने रेट तय किए थे। आदेश यह भी था कि उस रेट लिस्ट को एम्बुलेंस पर चस्पा किया जाएगा। पर निजी एम्बुलेंस संचालकों ने प्रशासन का यह आदेश ताक पर रख दिया है। रेट लिस्ट चस्पा न होने अभी भी मनमानी चल रही है। तय रेट के ज्यादा मरीजों से वसूला जा रहा है। एंबुलेंस चालकों का कहना है कि तय किए गए रेट कम है। जिससे एंबुलेंस मालिकों के नुकसान हो रहा है।

निजी एंबुलेंस पहले लखनऊ, बरेली और गाजियाबाद जाने के लिए 30 से 35 हजार रुपए मरीजों से वसूल रही थी। इसका खुलासा होने के बाद प्रशासन ने निजी एंबुलेंस की लिस्ट तलब की और उनका किराया तय कर दिया। तय किए गए किराया के हिसाब से निजी एंबुलेंस बिना ऑक्सीजन वाली अब 10 किलोमीटर का 800 रुपए लेगी और आगे 20 प्रति किलोमीटर के हिसाब से चार्ज करेगी। ऑक्सीजन वाली निजी एंबुलेंस 10 किलोमीटर का 1250 रुपए चार्ज करेगी और आगे 22 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से शुल्क लेगी। वेन्टीलेटर सपोर्टेड एंबुलेंस 2200 रुपए 10 किलोमीटर तक लेगी और आगे 40 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से चार्ज करेगी। प्रशासन ने आदेश दिया है कि अब सभी चालक अपनी एंबुलेंस पर रेट लिस्ट लगाएंगे और इसी के हिसाब से मरीजों से पैसा लेंगे। अगर किसी ने ज्यादा पैसे वसूले तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा। लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी एंबुलेंस पर रेट लिस्ट चस्पा नहीं हो पाई है। गुरुवार को स्टैंड पर किसी भी निजी एंबुलेंस पर प्रशासन तय किराए की रेट लिस्ट दिखाई नहीं दी। बताया जाता है कि चालक अब भी मरीजों से किराए के मामले में मनमानी कर रही है। चालकों का कहना है कि प्रशासन ने जो किराया तय किया है। उससे उनकी एंबुलेंस का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है। अगर वह कोरोना मरीज को लेकर लखनऊ जाते हैं तो उनको नुकसान हो रहा है। चालकों ने प्रशासन से मांग की है कि उनके किराए में कु वृद्धि की जाए।

जेब में रेट लिस्ट लेकर घूम रहे चालक

प्रशासन ने जो रेट लिस्ट जारी की है। वह सभी एंबुलेंस चालकों के पास है। लेकिन अभी तक रेट लिस्ट एंबुलेंस पर चस्पा नहीं हुई है। सभी एंबुलेंस चालक इसको अपनी जेब में लेकर घूम रहे हैं। ताकि अगर अचानक कोई अधिकारी चेक करने आ जाए तो उसको दिखा सके। एंबुलेंस चालक मरीजों से मोलभाव करते हैं और उनको एंबुलेंस में आने वाले खर्चों के भी बारे में बताते हैं। ताकि उनसे ज्यादा पैसे वसूल कर सके।

पुलिस पर है ज्यादा जिम्मेदारी

मरीजों से ज्यादा वसूली न हो, यह जिम्मेदारी भी पुलिस पर है। चालकों को एक रजिस्टर भी बनाना है। जो भी मरीज लखीमपुर से लखनऊ या बरेली ले जाएंगे। उनका रिकॉर्ड भी इस रजिस्टर में रखना है। ताकि अगर कहीं पुलिस चेकिंग करती है तो मरीज से फोन कर पता किया जा सके कि उनसे कितने पैसे लिए गए। पुलिस ने किराया तय होते ही कहा था कि सभी एंबुलेंस चालक अपनी एंबुलेंस पर रेट लिस्ट चस्पा करवा ले। ताकि मरीजों को भी जानकारी रहे कि लखीमपुर से लखनऊ जाने का खर्च क्या है।

एंबुलेंस चालकों से कहा गया था कि वह अपनी एंबुलेंस पर तय किराए की लिस्ट चस्पा कर ले। इसी के हिसाब से किराया ले। अगर कोई ज्यादा पैसे वसूलेगा तो कार्रवाई होगी। अगर एंबुलेंस पर लिस्ट चस्पा नहीं है तो उसको चस्पा कराया जाएगा।

प्रभातेश श्रीवास्तव शहर कोतवाल

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