ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश लखीमपुरखीरीलखीमपुर में एंबुलेंस चालकों ने किया चक्का जाम, प्रदर्शन

लखीमपुर में एंबुलेंस चालकों ने किया चक्का जाम, प्रदर्शन

जिले में 102, और 108 एंबुलेंस चालकों को पिछले तीन माह से मानदेय नहीं मिला है जिससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। इतना ही नहीं समझौते में तय वेतन मान भी नहीं मिल रहा है इससे एंबुलेंस चालकों...

लखीमपुर में एंबुलेंस चालकों ने किया चक्का जाम, प्रदर्शन
हिन्दुस्तान संवाद,लखीमपुर-खीरीWed, 01 Jan 2020 05:54 PM
ऐप पर पढ़ें

जिले में 102, और 108 एंबुलेंस चालकों को पिछले तीन माह से मानदेय नहीं मिला है जिससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। इतना ही नहीं समझौते में तय वेतन मान भी नहीं मिल रहा है इससे एंबुलेंस चालकों में रोष है। एंबुलेंस चालकों ने इसको लेकर बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया। आंशिक कार्य बहिष्कार भी किया। केवल इमरजेंसी मरीजों को सेवाएं दीं। ओपीडी के मरीजों को अस्पताल नहीं लाए। इससे बुधवार को अस्पताल में मरीजों की संख्या भी कम रही।

जिले में 102 और 108 एंबुलेंस आउट सोर्सिंग से चालक लेकर चलाई जाती हैं। इन एंबुलेंस चालकों ने पिछले महीने भी विरोध प्रदर्शन किया था। एंबुलेंस चालकों ने बताया कि पिछले महीने कंपनी से तय हुआ था कि वे सरकार के अनुसार निर्धारित न्यूनतम वेतन देंगे लेकिन कंपनी उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित किया गया मानदेय नहीं देती है। इतना ही नहीं उन्हें पुराना मानदेय भी तीन महीने से नहीं मिला है इससे एंबुलेंस चालकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। एंबुलेंस चालक संघ के प्रदेश कमेटी सदस्य जयंकर मिश्रा ने बताया कि बुधवार को एंबुलेंस चालकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि बुधवार को केवल इमरजेंसी मरीज ही एंबुलेंस से लाए गए ओपीडी के नहीं। उन्होंने बताया कि उन लोगों का यह प्रदर्शन 16 जनवरी तक चलेगा। इस अवधि में यदि मांगे नहीं मानी जाती हैं तो वे लोग 17 जनवरी के लखनऊ में प्रदर्शन करेंगे।

चालकों की हड़ताल से नहीं आ सके तमाम मरीज 

जिले में एंबुलेंस चालकों की हड़ताल का बुधवार को पहला दिन था लेकिन चिकित्सा व्यवस्था पर इसका असर दिखाई दिया। इस समय सबसे ज्यादा भीड़ महिला अस्पताल में थी लेकिन बुधवार के यहां भी सन्नाटे जैसी स्थिति रही। जिला अस्पताल में भी रोज की अपेक्षा कम मरीज आए। इस संबंध में महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. नसरीन ने बताया कि बुधवार को ओपीडी में मरीजों की संख्या काफी कम रही। ओपीडी में अधिकतर डाक्टर दिन में खाली बैठी रहीं। जिला अस्पताल में भी बुधवार के अधिकतर ओपीडी खाली थी। हालांकि बुधवार के पहला दिन था इसलिए अधिक दिक्कत नहीं हुई लेकिन एंबुलेंस चालकों की हड़ताल लंबी खिंची को इसका असर चिकित्सा सेवाओं पर पड़ सकता है। इस संबंध में महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. नसरीर ने बताया कि एंबुलेंस चालक उनके अधीन काम नहीं करते हैं इसलिए वे उनसे कुछ कह भी नहीं सकती हैं।    
 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें