26 से लगेगा एमआर का टीका, पहले स्कूलों में अभियान
नौ माह से 15 साल तक के बच्चों को खसरा और रूबैला से बचाने को एमआर टीकाकरण अभियान शुरू किया जा रहा है। इस टीकाकरण अभियान को 26 नवम्बर से पांच सप्ताह तक चलाया जाएगा। इसमें पहले दो सप्ताह का अभियान...
नौ माह से 15 साल तक के बच्चों को खसरा और रूबैला से बचाने को एमआर टीकाकरण अभियान शुरू किया जा रहा है। इस टीकाकरण अभियान को 26 नवम्बर से पांच सप्ताह तक चलाया जाएगा। इसमें पहले दो सप्ताह का अभियान स्कूलों में कैंप लगाकर बच्चों का टीकाकरण किया जाना है।
गुरुवार को स्वास्थ्य महकमे ने एएनएम ट्रेनिंग सेंटर में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. बलवीर सिंह और डब्लूएचओ की एसएमओ डॉ. अमन प्रीत कौर की अध्यक्षता में एक बैठक की। इसमें कई सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि और धर्मगुरु मौजूद रहे। इसमें टीकाकरण की जरूरत, लगाने के तरीके, बीमारियों से बचाव में सहायक होने के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही इस अभियान को बेहतर तरीके से सफल बनाने को लेकर जागरूक किया गया। बाक्स खसरा खसरा एक जानलेवा रोग है जो वायरस से फैलता है। खसरा के चलते बच्चों में विकलांगता और असमय मृत्यु हो जाती है। खसरा बेहद सकं्रामक रोग है। यह खांसने और छीकने से तेजी से फैलता है। शरीर और चेहरे पर गुलाबी लाल दाने या चक्कते, अधिक तेज बुखार, खांसी, नाक बहना और आंखों का लाल हो जाना रूबैला रूबैला रोग आमतौर पर बच्चों पर हल्का होता है। इसमें खारिश, कम डिग्री का बुखार, मिचली, हल्के नेत्र शेध के लक्षण दिखाई पड़ते है। कान के पीछे और गर्दन में सूजी हुई ग्रंथिया होती है। गर्भवती महिला के रुबैला से संक्रमित होने से उसके बच्चे पर इसका सीधा असर पड़ता है। इससे बच्चा विकलांग, समय से पहले गर्भपात, बच्चे की मौत भी हो सकती है।
इस तरह से चलेगा अभियान: जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. बलवीर सिंह ने बताया कि 26 नबम्बर से अभियान शुरू किया जाएगा। पहले दो सप्ताह सभी स्कूलों में टीम जाकर बच्चों का टीकाकरण करेगी। इसके बाद अन्य जगहों पर कैंप लगाकर टीकाकरण किया जाएगा। इसमें नौ माह से 15 साल तक बच्चों को टीका लगेगा। पांच सप्ताह तक इस अभियान को चलाया जाएगा।
इस तरह से लगेगे टीके: डब्लूएचओ की एसएमओ डॉ. अमन प्रीत कौर ने बताया कि अभियान के दौरान बच्चों के दाहिने हाथ में टीका लगेगा। इसके साथ बच्चे के बाये हाथ के अंगूठे पर निशान बनाया जाएगा। टीकाकरण के दौरान बच्चा खाली पेट न हो। बच्चों को एक एक कर कमरे में ले जाकर टीकाकरण किया जाएगा। किसी तरह की दिक्कत होने पर डॉक्टरों की टीम तैनात रहेगी।