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खीरी में बन रही डेढ़ लाख लैम्प, रोशन होगा यूपी

यूपी के छात्र-छात्राओं का भविष्य सोलर स्टडी लैम्प से रोशन होगा। इसकी शुरुआत खीरी जिले से हो गई...

यूपी के छात्र-छात्राओं का भविष्य सोलर स्टडी लैम्प से रोशन होगा। इसकी शुरुआत खीरी जिले से हो गई...
1/ 2यूपी के छात्र-छात्राओं का भविष्य सोलर स्टडी लैम्प से रोशन होगा। इसकी शुरुआत खीरी जिले से हो गई...
यूपी के छात्र-छात्राओं का भविष्य सोलर स्टडी लैम्प से रोशन होगा। इसकी शुरुआत खीरी जिले से हो गई...
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हिन्दुस्तान टीम,लखीमपुरखीरीSat, 16 Dec 2017 11:14 PM
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यूपी के छात्र-छात्राओं का भविष्य सोलर स्टडी लैम्प से रोशन होगा। इसकी शुरुआत खीरी जिले से हो गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विशेष प्रोजेक्ट पर खीरी जिले की महिलाओं ने काम शुरू कर दिया है। जिले में एक लाख 40 हजार सोलर स्टडी लैम्प बनाई जाएंगी। यह लैम्प कालेजों में बच्चों को दी जाएंगी। इस लैम्प को समूहों की महिलाएं बना रही हैं। आईआईटी मुम्बई के इंजीनियर टेक्निकल सपोर्ट दे रहे हैं।

पलिया और निघासन की समूह की 80 महिलाओं को इसमें काम मिला है।गांवों तक बिजली न पहुंचने। पढ़ाई के समय बिजली न होने से यूपी में छात्र-छात्राएं अभी भी केरोसीन की ढिबरी और लैम्प के सहारे पढ़ाई करने को मजबूर हैं। इससे छात्र-छात्राओं की सेहत खराब हो रही है। इसको देखते हुए प्रधानमंत्री ने सोलर स्टडी लैम्प के विशेष प्रोजेक्ट को मंजूरी दी। इस प्रोजक्ट को आईआईटी मुम्बई ने टेक्निकल सपोर्ट दिया। यूपी के 29 जिलों में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई है। इसमें खीरी जिले के तीन ब्लॉकों पलिया, निघासन और लखीमपुर में सोलर स्टडी लैम्प बनाने का काम समूह की महिलाओं को मिला है। आईआईटी मुम्बई के इंजीनियरों ने महिलाओं को ट्रेनिंग दी है। 80 महिलाएं अब लैम्प बनाने में जुट गई हैं। एक लाख 40 हजार लैम्प बनानी हैं। भारत सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना में एक लैम्प पर खर्च 700 से 800 रुपए आ रहा है, लेकिन छात्र-छात्राओं को यह लैम्प सिर्फ 100 रुपए में दी जाएगी। उपायुक्त स्वत: रोजगार अजय पांडेय ने बताया कि समूह की महिलाएं ही लैम्प बना रही हैं और महिलाएं ही कालेजों में जाकर बेंचेंगी। लैम्प में कोई भी खराबी आने पर एक साल तक निशुल्क मरम्मत होगी।

ऊर्जा मंत्रालय ने की है मैटेरियल की व्यवस्था-आईअीईटी मुम्बई के इंजीनियर शैलेन्द्र कुमार बताते हैं कि इसमें जो भी मैटेरियल लग रहा है वह सरकार से मिलेगा। इसके मैन्युफैक्चरिंग की जिम्मेदारी एनआरएलएम को दी गई है। इससे सरकार की मंशा यह है कि एक तो बच्चों को पढ़ाई के लिए अच्छी रोशनी मिलेगी। दूसरे समूहों की महिलाओं का उनके घर में ही काम मिल गया है। सोलर लैम्प बनाने के लिए पलिया और निघासन ब्लॉक में काम शुरू हो गया है। 80 महिलाओं ने ट्रेनिंग के बाद निर्माण शुरू कर दिया है।

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