Tehsil Administration to Auction Sugar Mill Lands for Farmers Dues in Captainganj कप्तानगंज चीनी मिल की जमीन बकाया वसूली के लिए होगी नीलाम, Kushinagar Hindi News - Hindustan
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कप्तानगंज चीनी मिल की जमीन बकाया वसूली के लिए होगी नीलाम

Kushinagar News - कप्तानगंज (कुशीनगर), हिन्दुस्तान संवाद। किसानों का बकाया दिलाने के लिए तहसील प्रशासन ने कप्तानगंज

Newswrap हिन्दुस्तान, कुशीनगरSun, 29 Dec 2024 12:56 AM
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कप्तानगंज चीनी मिल की जमीन बकाया वसूली के लिए होगी नीलाम

कप्तानगंज (कुशीनगर), हिन्दुस्तान संवाद। किसानों का बकाया दिलाने के लिए तहसील प्रशासन ने कप्तानगंज चीनी मिल की बसहिया उर्फ कप्तानगंज तथा दुबौली में स्थित तीन जमीनों को नीलाम करने का निर्णय लिया है। एसडीएम ने नीलामी की तिथि 24 जनवरी तय करते हुए अधिसूचना भी जारी कर दी है। प्रशासन के मुताबिक मिल ने वादा करने के बाद भी बकाया 77 करोड़ का भुगतान नहीं किया। तीन साल पहले प्रशासन के दबाव बनाने पर प्रबंधन ने मिल में ताला लगा दिया था। इसके बाद प्रशासन ने मिल कुर्क कर ली थी।

उप जिलाधिकारी कार्यालय कप्तानगंज द्वारा बसहिया उर्फ कप्तानगंज स्थित एक अरब 11 करोड़ 17 लाख 77 हजार 500 रुपये और तीन करोड़ 93 लाख 30 हजार रुपये के साथ दुबौली में स्थित 34 लाख 8 हजार 600 रुपये मूल्य की तीन जमीनों को नीलाम करने की अधिसूचना जारी की गई है।

नीलामी की तिथि 24 जनवरी तय की गई है। चीनी मिल पर करोड़ों रुपये का गन्ना मूल्य बकाया है। बताया जा रहा है कि कप्तानगंज की कनोडिया चीनी मिल की ये जमीनें अरबों रुपये कीमत की हैं। तहसील प्रशासन ने किसानों का बकाया भुगतान करने के लिए मिल प्रबंधन को दर्जनों पर चेतावनी नोटिस आदि दिया। उसके क्रम में मिल ने कुछ भुगतान किया पर 77 करोड़ रुपये अभी भी बकाया बताया जा रहा है।

मिल बंद होने से इलाके की कमर टूट गई:

चीनी मिल से इलाके के करीब 10,000 से अधिक गन्ना किसान जुड़े थे। मिल में कार्य करने वाले कामगारों की संख्या 1000 से अधिक है। पेराई सत्र 2022-23, 2023-24 और मौजूदा सत्र 2024-25 में भी मिल बंद है। इससे कस्बा और आसपास क्षेत्र की आर्थिक रूप से कमर टूट गई है। छोटे-मोटे चौक-चौराहों की भी रौनक खत्म हो गई है। पैसे के अभाव में लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

चीनी मिल से जुड़े छोटे-मोटे कारीगर, कल पुर्जे के दुकानदार सहित चीनी मिल में काम करने वाले मजदूरों की स्थिति बेसहारों जैसी हो गई है। जानकारों के मुताबिक चीनी मिल की जमीन के रूप में अचल संपत्ति अगर नीलाम हो जाएगी तो मिल के पास केवल लोहा ही कप्तानगंज में शेष बचेगा। दूसरी तरफ चीनी मिल प्रबंधन हर हाल में मिल चलाने की जुगत में लगा है। उम्मीद है कि तहसील प्रशासन की इस कार्रवाई से चीनी मिल प्रबंधन यथाशीघ्र कोई उचित कदम उठाए।

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