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बारिश व तेज हवा से गिरी गन्ने की फसल को बचाने में जुटा गन्ना विभाग

बारिश व तेज हवा से गिरी गन्ने की फसल को बचाने में जुटा गन्ना विभाग

संक्षेप: Kushinagar News - कुशीनगर में तेज हवा और मूसलाधार बारिश से किसानों के गन्ने की फसल को भारी नुकसान हुआ है। गन्ना विभाग किसानों को गिरे हुए गन्ने को जल्दी से बंधवाने की सलाह दे रहा है, ताकि नुकसान कम किया जा सके।...

Sun, 12 Oct 2025 03:55 PMNewswrap हिन्दुस्तान, कुशीनगर
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कुशीनगर। जनपद में एक सप्ताह पूर्व तेज हवा के साथ हुई मूसलाधार बारिश से किसानों के फसलों को सर्वाधिक नुकसान हुआ है। हवा के चलते किसानों का गन्ना खेत में लगे पानी में गिर गया है। गिरे हुये गन्ने की फसल को बचाने के लिए गन्ना विभाग जुटा हुआ है। गन्ना विभाग के आला अधिकारी खेतों में पहुंच कर किसानों को जागरूक कर रहे हैं। अत्यधिक बारिश से 25 से 35 फीसदी गन्ना प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। गन्ने की पैदावार को बढाने के लिए अधिकारियों कर फौज खेतों में पहुंच कर गिरे गन्ने को बंधवाने तथा रोगों के बारे में जानकारी देकर जागरूक कर रहे हैं।

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पिछने 3 व 4 अक्तूबर को जनपद में अतिवृष्टि, आंधी से गन्ना फसल को काफी नुकसान हुआ था। उसकी रोकथाम के उपाय को बचाने के लिए अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर गन्ना शोध परिषद शाहजहांपुर के वैज्ञानिकों डॉ. सुजीत प्रताप, डॉ. मनीष ने हाटा चीनी मिल के ग्राम पोखरभिंडा, बखरा, हेतिमपुर, जिगनी, रमवली, रामकोला चीनी मिल क्षेत्र के ग्राम रगड़गंज, कुस्महा, अमवा, विजयपुर, नारायणपुर पूर्वी के अतिवृष्टि, आंधी से प्रभावित प्लाटों का निरीक्षण कर किसान वेदप्रकाश, बैजनाथ तिवारी, केशनाथ जायसवाल, अखिलेश्वरनाथ, भरत, अजय पाल व जयंती को जागरूक किया। जिला कृषि अधिकारी हुदा सिद्दीकी ने बताया कि अच्छी बढ़वार वाले 10 फीसदी प्लाटों के गन्ने पूर्णतः गिर गए हैं। वहीं कम बढ़वार वाले गन्ने हवा के दबाव से तिरछे हुए है पर गिरे नहीं हैं। अधिकांश प्लाटों पर 30 से 45 सेमी पानी लगा हुआ है। वैज्ञानिकों ने रोग कीट नहीं लगे हैं। किसानों को गिरे गन्ने की बंधाई तथा पानी लगे हुए खेतों में एनपीके के फोलियर स्प्रे का सुझाव दिया। गन्ना शोध केंद्र सेवरही के वैज्ञानिकों डॉ. वाईपी भारती व डॉ. सतेंद्र सिंह ने सेवरही मिल क्षेत्र के ग्राम खपरी, सपही, अमरवा बुजुर्ग, अमवा, टिकुलिया, राजपुर खास, राजपुर बगहा व बांसी नदी के निकट के गांवों में जलभराव व गन्ना गिरने की स्थिति को देखी। कई जगह किसान स्वयं या कहीं मिल द्वारा उपलब्ध कराए मजदूरों के सहयोग से गन्ना खड़ा कर बंधाई कर रहे थे। किसानों को सुझाव दिया कि वह शीघ्रातिशीघ्र गिरे गन्ने को उठा कर बंधवा लें, जिससे उनका नुकसान कम हो अन्यथा गिरे गन्ने में जड़ आने लगेगी। उसका उत्पादन व परता घट जाएगा और चूहों, जानवरों का प्रकोप होगा। एससीडीआई हरिमोहन यादव ने रामकोला खेतान क्षेत्र के गांवों तथा तथा अन्य अधिकारियों ने चीनी मिल खड्डा के सोहरौना, चरगहा, सिसवा गोपाल, सारंग छपरा, कड़ुआ, लखुआ बाजार टोला व चमरडीहा में प्रभावित प्लॉटों का निरीक्षण कर किसानों को जागरूक किया।