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दलित बस्ती के बच्चों में शिक्षा की रोशनी फैला रही छात्रा मधु भारती

कुशीनगर। खड्डा कस्बे के अम्बेडकर नगर मोहल्ला निवासी एमए प्रथम वर्ष की एक...

दलित बस्ती के बच्चों में शिक्षा की रोशनी फैला रही छात्रा मधु भारती
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,कुशीनगरTue, 12 Jul 2022 09:00 AM
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कुशीनगर।

खड्डा कस्बे के अम्बेडकर नगर मोहल्ला निवासी एमए प्रथम वर्ष की एक छात्रा घर को ही विद्यालय बनाकर कर दलित बस्ती के बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे रही है। कोरोना काल में शुरू किया गया उसका प्रयास अब भी जारी है। कस्बे में इसकी खूब तारीफ हो रही है।

कोरोना संक्रमण काल में प्राइमरी विद्यालय बन्द होने के चलते बच्चे घर बैठे हुए थे। जिससे उनकी शिक्षा प्रभावित हो रही थी। इसे देख खड्डा कस्बे के अम्बेडकर नगर मोहल्ला निवासी सभासद प्रतिनिधि कैलाश भारती की पुत्री मधु भारती ने घर के एक कमरे में ही बस्ती के बच्चों को जुटाकर बिना पैसे के दो घण्टा पढ़ाने का क्रम शुरू किया। शुरू में तो कम बच्चे आते थे मगर अब अच्छी संख्या में बच्चे आते हैं। कमरे में उसने एक फोल्डिंग बोर्ड भी लगा रखा है। इस पर वह हर रोज शाम को पांच से सात बजे तक बच्चों को पढ़ाती है।

सरस्वती देवी पीजी कालेज के एमए प्रथम वर्ष की छात्रा मधु भारती बताती है कि कोरोना काल में घर बैठे को बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने की सोची। अपने घर को ही विद्यालय बना बच्चों का भविष्य बनाने में जुट गयी। मौजूदा समय में प्राइवेट अध्यापिका मधु दो दर्जन से अधिक बच्चों को घर बुलाकर निशुल्क शिक्षा दे रही है। 26 वर्षीय मधु भारती बताती है कि उसने पिता कैलाश भारती ने बच्चों को पढाने की प्रेरणा दी थी। शुरू में उसने कोरोना काल तक ही पढ़ाने की सोची थी मगर बाद में बच्चे खुद शाम को जब उसके घर आ जाते तो उसने शिक्षा देने का क्रम बंद नहीं किया। मधु का कहना है कि पहले यह बच्चे गली मोहल्ले में खेलते थे। उन्हें ही बुलाकर पढ़ाने का क्रम शुरू किया तो बच्चों का भी मन पढ़ाने में लगने लगा। मधु की कक्षा में अब बबिता, अंशु, साक्षी, कालिया, जूली, अमिता, चुलबुली, लालू, सुंदरी, सृष्टि, कोयल, दुर्गेश, ज्योति, काजू, जरीना, सिम्मी, स्नेहा, आलोक, गुड्डी, प्रियंका, श्रेयांश, विवेक आदि नियमित छात्र के रूप में शामिल हो चुके हैं। मधु का कहना है कि गरीब परिवार की होने के चलते काफी दिक्कतों का सामना कर मैंने ग्रेजुएशन किया। मैंने जो दिक्कत झेली, वह कोई गरीब बच्चा न झेले, इसीलिए गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देकर उनका भविष्य संवारने का काम कर रही हूं। शिक्षा देने का कार्य निरंतर चलता रहेगा।

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