Kushinagar Health Facility Neglected Residents Rely on Bihar Hospitals यूपी के मरीजों को बिहार के डॉक्टरों का सहारा, Kushinagar Hindi News - Hindustan
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यूपी के मरीजों को बिहार के डॉक्टरों का सहारा

Kushinagar News - कुशीनगर के खड्डा रेता क्षेत्र के लगभग 25 हजार लोगों की स्वास्थ्य सुविधाएं भगवान भरोसे हैं। स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की कमी के कारण लोग बिहार में इलाज कराने को मजबूर हैं। सप्ताह में सिर्फ रविवार...

Newswrap हिन्दुस्तान, कुशीनगरMon, 6 Oct 2025 08:48 AM
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यूपी के मरीजों को बिहार के डॉक्टरों का सहारा

कुशीनगर। कुशीनगर जिले के उत्तरी छोर पर बसे खड्डा रेता क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों की करीब 25 हजार आबादी की स्वास्थ्य सुविधा भगवान भरोसे है। शिवपुर में लगभग 18 वर्ष पूर्व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया। इस स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण के बाद भी यहां डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती नहीं होने से यहां के लोग बिहार में स्थित अस्पतालों में इलाज कराने के लिए मजबूर हैं। यहां हफ्ते में सिर्फ रविवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंच कर स्वास्थ्यकर्मी इलाज करते हैं। अन्य दिनों में बीमार पड़ने पर इलाज के लिए रेता क्षेत्र के लोगों को बिहार प्रांत के बगहां, हरनाटाड़ या बिहार के रास्ते 43 किमी दूर खड्डा आना पड़ता है।

खड्डा रेता क्षेत्र के नदी उस पार के शिवपुर, मरिचहवा, हरिहरपुर, नारायनपुर सहित अन्य कई गांव हैं। इन गांवों में लगभग 25 हजार की आबादी निवास करती है। रेतावासियों को प्रत्येक वर्ष बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ती है। इन गांवों में जाने के लिए कोई सुगम रास्ता नहीं होने से लोगों को बिहार के उबड़-खाबड़ सड़क से खड्डा इलाज कराने आना पड़ता है। रेतावासियों की इन दुश्वारियों को देखते हुए वर्ष 2009 में 39 लाख की लागत से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया। डॉक्टर व कर्मचारियों की नियुक्ति होने के बाद यहां कोई नहीं गया। गांव के रामकलप, बेचन, सुदर्शन, सुभाष, जितेन्द्र, राधेश्याम, तूफानी, नरसिंह आदि का कहना है कि हफ्ते में एक दिन रविवार को फार्मासिस्ट अस्पताल आते हैं। बाकी दिन लोग बिहार में जाकर अपना इलाज कराते हैं। क्षेत्रीय लोगों ने ट्विट कर इसकी शिकायत डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक से की। डिप्टी सीएम ने शिकायत को गंभीरता से लेकर स्वास्थ्य महानिदेशक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया था इसके बावजूद सिर्फ रविवार को ही अस्पताल खुल रहा है। इस संबंध में प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. पारसनाथ सिंह का कहना है कि केवल बरसात के समय में ही स्वास्थ्यकर्मियों को रेता क्षेत्र में जाने में परेशानी होती है। गांव में कैम्प लगाकर मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण के साथ इलाज भी किया जाता है।

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