पिटाई से मौत के मामले में दोषी को सात साल की सजा
Kushinagar News - कुशीनगर में 2011 में एक युवक की पिटाई से हुई मौत के मामले में अदालत ने अभियुक्त रामफल को सात साल के सश्रम कारावास और 50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। मामले की वादी टॉसी देवी ने बताया कि उनके...

कुशीनगर। कप्तानगंज थाना क्षेत्र के बोदरवार में वर्ष 2011 में पिटाई से घायल एक युवक की मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस मामले में न्यायालय ने शुक्रवार को अपना फैसला सुना दिया। इस मामले में दोषी पाए गए अभियुक्त को सात साल के सश्रम कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की धनराशि में आधी वादी को देने का आदेश हुआ है। वादी की तरफ से इस मुकदमे की पैरवी कर रहे अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) कृष्ण कुमार पांडेय ने बताया कि मुकदमे की वादी टॉसी देवी थीं। उन्होंने 23 जनवरी, 2011 को कप्तानगंज थाने में तहरीर सौंपकर बताया था कि 22 जनवरी, 2011 को उनके बेटे गोबरी पुत्र लखन से खेत में डिलीवरी पाइप बिछाने को लेकर विपक्षी रामफल और उसके पिता गरीब से विवाद हो गया था।
अधिवक्ता के मुताबिक रामफल लकड़ी के चैले से उनके बेटे गोबरी के सिर पर प्रहार कर दिया, जिससे उसका सिर फट गया। गोबरी वहीं बेहोश हो गया। उसे मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान अगले दिन उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज किया और विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया। मुख्य आरोपी रामफल गिरफ्तार हुआ, लेकिन जमानत पर छूट गया था। इस मामले में दूसरे अभियुक्त गरीब (रामफल का पिता) की मुकदमे की विवेचना के दौरान मौत हो चुकी थी। अब एक ही अभियुक्त रामफल बचा हुआ था। शुक्रवार को इस मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कोर्ट नंबर-3 के न्यायाधीश आनंद प्रकाश तृतीय की अदालत में हुई। अदालत ने साक्ष्यों के अवलोकन और गवाहों को सुनने के बाद अभियुक्त रामफल को घटना के लिए दोषी पाया। उसे सात साल के सश्रम कारावास एवं 50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। चूंकि रामफल जमानत पर जेल से बाहर था, इसलिए उसकी जमानत याचिका निरस्त करते हुए उसे न्यायिक अभिरक्षा में लेने का आदेश दिया।
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