होटल, मैरेज हॉलों को देना होगा हर महीने शादियों का व्योरा
Kushinagar News - कुशीनगर में दहेज प्रथा को रोकने के लिए शासन ने नई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी मैरिज हॉल और विवाह भवनों को विवाह समारोह का विवरण जिला प्रोबेशन कार्यालय में देना अनिवार्य होगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी...

कुशीनगर। शासन ने दहेज प्रतिषेध को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए दिशा निर्देश जारी किया है। इसमें विवाह आयोजनों में पारदर्शिता लाने और दहेज प्रथा पर रोक लगाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पहल की है। इसके तहत अब सभी मैरिज हॉल और विवाह भवनों को प्रत्येक विवाह समारोह की जानकारी संबंधित जिला प्रोबेशन कार्यालय को अनिवार्य रूप से देनी होगी। नई व्यवस्था के अनुसार प्रत्येक विवाह समारोह का व्योरा, जिसमें दूल्हा-दुल्हन के नाम, पता, तारीख व वर-वधू पक्ष द्वारा दिये गये कीमती सामान और उपहारों का उल्लेख होगा। जिला प्रशासन को प्रति माह रिपोर्ट के रूप में देना होगा। इसके अलावा मैरिज हॉल और विवाह भवनों पर अधिकारी का नाम और संपर्क नंबर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना अनिवार्य है, जिससे शिकायत की स्थिति में सीधे संपर्क किया जा सके।
जिले के सभी होटल, मैरेज हॉलों को उनके वहां होने वाले विवाह समारोह का अब व्योरा रखना होगा। इसे हर माह जिला प्रोबेशन कार्यालय में देने की अनिर्वाता किया गया है। वहीं प्रत्येक मैरिज हॉल, विवाह भवन के बाहर जिला प्रोबेशन अधिकारी का नाम, नम्बर व पता की सूचना बोर्ड लगाना भी आवश्यक है, जिसमें दहेज न लेने और न देने की चेतावनी स्पष्ट रूप से अंकित होगी। शासन का मानना है कि इस कदम से समाज में जागरूकता बढ़ेगी और विवाह को एक गरिमामयी व शुद्ध संस्कार के रूप में मनाने की दिशा में सार्थक पहल होगी। विवाह भवनों के संचालकों को इस संबंध में शीघ्र ही प्रशिक्षण और दिशा निर्देश भी दिये जायेंगे। विवाह संबंधित विवरण नहीं देने वाले मैरेज हाल या होटल पर कार्रवाई भी की जायेगी। शासन के इस कदम को दहेज प्रथा को रोकने और महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। इसको लेकर प्रशासन ने कहा कि दहेज पीड़ित महिलाएं किसी भी समय वन स्टॉप सेंटर या 181 महिला हेल्पलाइन के माध्यम से सहायता प्राप्त कर सकती हैं। जिला प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे दहेज संबंधित किसी भी प्रकार की गतिविधि की जानकारी प्रशासन को दें, जिससे दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा सके।
शासन ने विवाह आयोजनों में पारदर्शिता लाने और दहेज प्रथा पर रोक लगाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण पहल की है। इससे समाज में अब भी प्रचलित दहेज प्रथा पर अंकुश लगाया जा सकता है। यदि किसी विवाह में दहेज को लेकर विवाद या शिकायत उत्पन्न होती है, तो प्रशासन विवाह भवनों के रिकॉर्ड्स के आधार पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई कर सकेगी।
विनय कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी
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