ममता और अहंता हमारे जीवन को नरक बनाये हैं : अंकुश महाराज
Kushinagar News - कुशीनगर के श्रीरामजानकी मंदिर में दस दिवसीय श्रीराम महायज्ञ के छठवें दिन रामलीला का मंचन किया गया। अयोध्या से आये कलाकारों ने माता सीता के स्वयंवर और भगवान शिव के धनुष भंग की कथा प्रस्तुत की। कथा वाचक...

कुशीनगर। कसया नगर स्थित श्रीरामजानकी मंदिर (मठ) में पंद्रहवें वर्ष दस दिवसीय श्रीराम महायज्ञ के छठवें दिन शनिवार की रात अयोध्या धाम से आये कलाकारों ने रामलीला के अंतर्गत मिथिला में माता सीता के स्वयंवर और प्रभु श्रीराम द्वारा भगवान शिव के धनुष भंग की कथा का सजीव मंचन किया। वहीं सातवें दिन रविवार को दोपहर में वृंदावन से आये कथा वाचक अंकुश महाराज ने श्रीराम कथा का रसपान कराया। कथावाचक ने कहा कि प्रेम यदि भगवान से है तो जीवन का कल्याण होगा जबकि सांसारिक प्रेम ममता और मोह बनकर जीवन का सर्वनाश करता है। भगवान के चरणों में लगी हुई प्रीति प्रेम है और संसार के भाव में लगी हुई प्रीति ममता है। ममता अकेली नहीं होती। इसके पीछे अहंता लगी होती है। ममता और अहंता दोनों मिलकर हमारे जीवन को नरक बनाये हैं। ममता बदलाव चाहती है जबकि प्रेम जिससे एक बार हो गया फिर वो उसकी खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार है। प्रेम बदले में कुछ नहीं मांगता। कथा का प्रारम्भ यजमान सुनील सिंह द्वारा व्यास पीठ के पूजन से हुआ। इस दौरान आचार्य रामजी पांडेय के देख रेख में श्रीराम महायज्ञ एवं अयोध्या धाम से आये संतों द्वारा अखंड श्री सीताराम नाम संकीर्तन चलता रहा। यज्ञ मंडप की परिक्रमा हेतु प्रातः काल से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। इस अवसर पर महंत त्रिभुवन शरण दास, व्यवस्थापक देव नारायण शरण, रामाशीष राय, शशि त्रिपाठी, शैलेष मिश्र, उमेश चंद्र गुप्ता, मिथिलेश सिंह, सिया शरण पांडेय, दिव्यांशु श्रीवास्तव, सुभाष अग्रवाल, गणेश त्रिपाठी, आनंद मालवीय, गोधूलि मालवीय, त्रिलोकी नाथ श्रीवास्तव, शांति श्रीवास्तव, आलोक श्रीवास्तव, धनंजय तिवारी, काशीनाथ सिंह, घनश्याम जायसवाल, अनिरुद्ध यादव, विपिन बिहारी श्रीवास्तव, सावित्री देवी, गंगोत्री देवी, कृष्णावती देवी, गुड्डी मद्देशिया, रिद्धिमा, मणि प्रकाश यादव, निशांत सिंह, शिवम राय, ममता कश्यप, अभिषेक श्रीवास्तव, मंटू मद्देशिया, राज यादव, प्रमोद कुमार, सुरेश मिश्र आदि मौजूद रहे।
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