कुशीनगर में मशक्कत के बाद पकड़ा गया मगरमच्छ
कुशीनगर के खड्डा ब्लाक के ग्रामसभा बरवारतनपुर में स्थित एक ताल में दस दिनों से दिखाई दे रहे एक विशालकाय मगरमच्छ को ग्रामीणों ने मशक्कत के बाद मछुआरों के सहयोग से पकड़ उसे वनविभाग के हवाले कर दिया।...
कुशीनगर के खड्डा ब्लाक के ग्रामसभा बरवारतनपुर में स्थित एक ताल में दस दिनों से दिखाई दे रहे एक विशालकाय मगरमच्छ को ग्रामीणों ने मशक्कत के बाद मछुआरों के सहयोग से पकड़ उसे वनविभाग के हवाले कर दिया। वनविभाग ने मगरमच्छ को नारायणी नदी में छोड़ दिया।
ग्राम बरवारतनपुर निवासी पवन राव का गांव के ही बगल में लगभग 22 एकड़ का ताल है। उस ताल में गांव के ही दीनदयाल राव ने मछली पालन किया है। दस दिन पूर्व इसी ताल में नेपाल से मुख्य पश्चिमी गंडक नहर में छोडे़ गये पानी के साथ एक विशालकाय मगरमच्छ पहुंच गया, जो ताल में पाली गयी मछलियों को अपना शिकार बनाने लगा। ताल के तरफ बकरी चराने गये गांव के कुछ बच्चे भी मगरमच्छ का आहार बनने से बाल बाल बच गये। इसके बाद बच्चे ताल की तरफ जाने से डरने लगे। इसकी जानकारी होने पर गांव वालों ने इसकी सूचना वनविभाग को देते हुए दस दिनों से ताल में दिखाई दे रहे मगरमच्छ को पकड़ने की मांग की।
दो दिन तक अथक प्रयास के बाद मगरमच्छ पकड़ा नहीं गया तो ग्रामीणों ने मछुआरों से उसे पकड़ने के लिए सहयोग मांगा। शनिवार को मछुआरों ने ग्रामीणों के सहयोग से करीब दो घंटे के अथक प्रयास के बाद मगरमच्छ को पकड़ लिया और इसकी सूचना वनविभाग के लोगों को दी। मगरमच्छ के पकडे़ जाने की खबर फैलते ही उसे देखने के लिए मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गयी।
इसी दौरान वन विभाग के कर्मचारी भी मौके पर पहुंच गये, जिन्हें ग्रामीणों ने उस मगरमच्छ को सौंप दिया। वन क्षेत्राधिकारी बीके यादव ने कहा कि पकडे़ गये मगरमच्छ को भैसहां स्थित नारायणी नदी में सही सलामत छोड़ दिया गया है।