पीएम मोदी के फोन से बहुत खुश हैं 106 साल के भुलई भाई, पुराने दिनों को किया याद
भुलई भाई उस समय जनसंघ से विधायक हुआ करते थे, जब नरेंद्र मोदी आरएसएस के प्रचारक थे। उन्होंने कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि भाजपा नेता आज भी अपने इस बुजुर्ग कार्यकर्ता को याद करते हैं। यह उनके लिए ही...
भुलई भाई उस समय जनसंघ से विधायक हुआ करते थे, जब नरेंद्र मोदी आरएसएस के प्रचारक थे। उन्होंने कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि भाजपा नेता आज भी अपने इस बुजुर्ग कार्यकर्ता को याद करते हैं। यह उनके लिए ही नहीं, उनके पूरे परिवार के लिए सौभाग्य की बात है।
प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन आने के पूर्व मंगलवार को भाजपा जिलाध्यक्ष से पीएमओ ने भुलई भाई का नम्बर मांगा था। एक नवम्बर 1914 को रामकोला विकास खण्ड के पगार गांव में पैदा हुए भुलई भाई ने आगरा विश्वविद्यालय से एमए व गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीएड करने के बाद तत्कालीन देवरिया (तब कुशीनगर भी देवरिया जिले का हिस्सा था) जनपद के बनकटा ब्लॉक में 1962 में डिप्टी सब इंस्पेक्टर पद पर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी शुरू की। 1966 से 1970 तक वे डिप्टी इंस्पेक्टर पद पर देवरिया में ही कार्यरत रहे। जनसंघ के टिकट पर नौरंगिया से विधायक चुने जाने से पहले उन्होंने 3 मार्च 1974 को नौकरी से इस्तीफा दे दिया।
इसके बाद वर्ष 1977 में भी वे विधायक चुने गए। भुलई भाई बताते हैं कि 1952 में विजयादशमी के दिन जब डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी व पंडित दीनदयाल उपाध्याय के साथ जनसंघ की स्थापना हुई तभी से वे संगठन से जुड़े थे। पढ़ाई के दौरान भी वह चार वर्षों तक देवरिया के जिला प्रचारक रहे। वह बताते हैं कि 1980 के बाद दो वर्ष तक जनसंघ में राष्ट्रीय प्रचारक रहे।
अटल के साथ साइकिल पर बेचा अखबार
उन्होंने बताया कि जब अटल बिहारी वाजपेयी जी तरुण भारत हिंदी दैनिक अखबार को लखनऊ से प्रकाशित करते थे तब दोनों लोग साइकिल से लखनऊ में अखबार बेचते थे। अटल बिहारी वाजपेयी जी के संपादन में छपने वाले साप्ताहिक अखबार पांचजन्य तथा अटल बिहारी वाजपेयी व उनके साथ पंडित दीनदयाल उपाध्याय के संपादन में छपने वाले साप्ताहिक अंग्रेजी अखबार 'आर्गनाइजर' में भी वे उन लोगों के साथ काम कर चुके हैं। पूर्व विधायक बताते हैं कि नरेंद्र मोदी सरसंघचालक बाबा साहब देवरस के कहने पर आरएसएस से जुड़े थे। संघ के कार्यक्रमों में उनकी मुलाकात अक्सर नरेंद्र मोदी से हुआ करती थी।