पीलीभीत के होटल में 25 घंटे रुके थे खालिस्तानी आतंकवादी, फुटेज मिली; दिया था फर्जी आधार कार्ड
- तीनों ने नाम बदलकर आधार कार्ड बनवाए थे, जिस पर पलिया का फर्जी पता दिया गया था। तीनों आतंकियों को होटल में रुकने के लिए दो स्थानीय लोगों ने भी मदद की थी। पुलिस ने होटल के मैनेजर और एक कर्मचारी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। तीनों आतंकियों की सीसीटीवी फुटेज भी मिली है।

KZF terrorists encounter: यूपी और पंजाब पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन के दौरान हुए एनकाउंटर में मारे गए खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के तीनों आतंकी पीलीभीत के पूरनपुर में हाईवे किनारे स्थित होटल में फर्जी आईडी देकर 25 घंटे तक रुके थे। पुलिस की छानबीन में सामने आया कि तीनों ने नाम बदलकर आधार कार्ड बनवाए थे, जिस पर पलिया का फर्जी पता दिया गया था। तीनों आतंकियों को होटल में रुकने के लिए दो स्थानीय लोगों ने भी मदद की थी। जांच के बाद पुलिस ने होटल के मैनेजर और एक कर्मचारी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। पुलिस को तीनों आतंकियों की सीसीटीवी फुटेज भी मिली है। इसमें वे एक अन्य युवक के साथ होटल की ओर आते दिख रहे हैं।
सोमवार सुबह पीलीभीत पुलिस और पंजाब पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए मुठभेड़ में खलिस्तान जिंदाबाद फोर्स के तीन आतंकियों प्रताप सिंह उर्फ जसनप्रीत सिंह, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि और गुरविंदर सिंह को ढेर कर दिया था। पुलिस की 12 टीमें आतंकियों के मददगारों और पनाहगारों की तलाश में जुटी हैं। पुलिस ने बुधवार को पूरनपुर और उसके आसपास के कई होटलों में चेकिंग अभियान चलाया। छानबीन के दौरान हाईवे पर स्थित हरजी होटल के भी सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, जिसमें पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे। फुटेज में 20 दिसंबर की रात एक आदमी होटल के बाहर बाइक के पास खड़ा दिखा। इसके बाद मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकी एक अन्य युवक के साथ होटल में प्रवेश करते दिखे। बाद में बाइक के पास खड़ा आदमी भी उनके साथ होटल के भीतर गया।
पीलीभीत के एसपी ने बताया कि होटल में कमरा लेने के दौरान वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि ने अपना नाम कुलदीप सिंह पुत्र बलजीत सिंह, दूसरे आतंकी जशनप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह ने अपना नाम हीरा सिंह पुत्र दलजीत सिंह और तीसरे आतंकी गुरविंदर सिंह ने अपने नाम मंजीत सिंह पुत्र सुजीत सिंह बताया। तीनों के फर्जी आधार कार्ड भी किसी ने होटल मैनेजर के व्हाट्सएप पर भेजे थे। सभी ने अपना पता बलिया का आदर्शनगर बताया था। पुलिस की छानबीन में सभी आधार कार्ड फर्जी निकले। पुलिस ने बताया कि होटल में लगभग 25 घंटे रुकने के बाद आतंकी वहां से दूसरे दिन रात में निकल गए थे। तीनों आतंकियों के साथ पहुंचे दो अन्य लोग पूरनपुर क्षेत्र के ही एक गांव के बताए जा रहे हैं। पुलिस ने होटल के सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर और अभिलेख भी कब्जे में लिए हैं।
होटल मैनेजर के व्हाट्सएप पर आए थे आधार कार्ड
पीलीभीत के एसपी अविनाश पांडेय ने बताया कि तीनों आतंकी 20 दिसंबर की रात 8 बजे हाईवे पर स्थित हरजी होटल में फर्जी नाम-पते से रुके थे। 21 दिसंबर की रात 9:40 पर वे तीनों होटल से निकल गए। होटल मैनेजर के व्हाट्सएप पर किसी ने तीनों के आधार कार्ड भेजे थे। सीसीटीवी फुटेज में उनके आने की जानकारी मिली है। मामले की जांच की जा रही है।
होटल मैनेजर को रुपये कम करने के लिए किया था फोन
खालिस्तान समर्थक आतंकियों के होटल में पहुंचने के बाद एक मददगार ने मैनेजर के व्हाट्सएप का आधार कार्ड भेजा था। इसके बाद रुपये कम करने के लिए भी फोन किया गया था। पुलिस आतंकियों को पनाह दिलाने में मदद करने वालों की तलाश कर रही है।
क्या बोली पुलिस
बरेली रेंज के आईजी डॉ. राकेश सिंह ने बताया कि जांच के दौरान आतंकियों के पूरनपुर के होटल में ठहरने की पुष्टि हुई है। तीनों फर्जी आईडी देकर वहां ठहरे थे। ठहरने में उनकी मदद करने वाले की तलाश की जा रही है। कुछ संदिग्धों से भी पूछताछ चल रही है। आतंकियों के मददगारों पर पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी।