यमुना का पानी पांच गांवों में घुसा, सैंकड़ों बीघा फसल जलमग्न
चायल तहसील क्षेत्र में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। रविवार को यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यमुना का जलस्तर बढ़ने से मल्हीपुर, कटैया, मोहम्मदाबाद, केवट का पूरा और पिपरहटा आदि गांवों...
चायल तहसील क्षेत्र में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। रविवार को यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यमुना का जलस्तर बढ़ने से मल्हीपुर, कटैया, मोहम्मदाबाद, केवट का पूरा और पिपरहटा आदि गांवों में पानी घुस गया है। इससे किसानों की सैकड़ों बीघा फसल पानी में डूब चुकी है।
चायल तहसील में यमुना की तराई में रहने वाले गांवों के लोग यमुना के बढ़े हुए जलस्तर से सहमे हैं। वहीं यमुना में तेजी से बढ़ रहे जल स्तर से किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल जल मग्न हो गई। जिसके बाद बाढ़ के पानी में डूबी फसलों का खराब होना तय माना जा रहा है। वहीं तहसील प्रशासन का दावा है कि बाढ़ से निपटने के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। यमुना नदी के किनारे बसे केवट का पूरा, पिपरहटा, मल्हीपुर, कटैया, मोहम्मदाबाद आदि गांवों के लोग सबसे अधिक बाढ़ से प्रभावित है। यमुना का रौद्र रूप किनारे बसे मकानों को अपनी चपेट में ले रहा है। कई लोगों के मकान यमुना की कटान में समा गए हैं। किसानों को अपनी बची हुई फसल की देखरेख के लिए नाव के सहारे जाना पड़ता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक यमुना का बढ़ रहा जल स्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो आधा दर्जन से अधिक गांव में पानी घुस जाएगा। इतना ही नहीं ग्रामीणों के खेतो में खड़ी फसलें नदियों के बाढ़ की चपेट में आने से बर्बाद हो गई है।
यमुना पर नजर, कई ने घर छोड़ा
जानकारी के अनुसार यमुना तराई के गांवों के लोग बाढ़ से बचने के लिए अपने सामान व मवेशियों को लेकर सुरक्षित स्थान की ओर पलायन करने लगे हैं। बाढ़ के खतरे से घबराए लोग हर पल यमुना पर नजर रखे हैं।