ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश कौशाम्बीराजस्थान से छोड़ा गया पानी, यमुना मचा सकती है तबाही

राजस्थान से छोड़ा गया पानी, यमुना मचा सकती है तबाही

राजस्थान के धौलपुर बैराज से 18 लाख क्यूसेक पानी बुधवार को छोड़ा गया। राजस्थान से आ रहे पानी से यमुना नदी एक बार फिर हाहाकार मचा सकती हैं। बाढ़ की वजह...

राजस्थान से छोड़ा गया पानी, यमुना मचा सकती है तबाही
हिन्दुस्तान टीम,कौशाम्बीThu, 05 Aug 2021 04:01 AM
ऐप पर पढ़ें

मंझनपुर। संवाददाता

राजस्थान के धौलपुर बैराज से 18 लाख क्यूसेक पानी बुधवार को छोड़ा गया। राजस्थान से आ रहे पानी से यमुना नदी एक बार फिर हाहाकार मचा सकती हैं। बाढ़ की वजह से तराई इलाके का जीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है। इसकी प्रबल संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। साथ ही जरूरी इंतजाम के लिए अधिकारियों की आनन-फानन बैठक बुलाई गई और उन्हें यमुना नदी की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई।

राजस्थान से यमुना नदी के रास्ते एक बड़ी तबाही आ रही है। लगातार हो रही बारिश की वजह से यमुना नदी उफान पर है। इसी बीच बुधवार को राजस्थान के धौलपुर बैराज से 17 लाख 81 हजार 200 क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया। ये पानी तेजी से चंबल नदी के रास्ते औरेया होते हुए कौशाम्बी की ओर आएगा। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि सात अगस्त तक यमुना नदी में बाढ़ आ सकती है। इसकी जानकारी होते ही जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। साथ ही एडीएम मनोज ने अधिकारियों की बैठक भी आनन-फानन में बुलाई। एसडीएम सदर, चायल और सिराथू को निर्देश दिया गया है कि सभी 24 बाढ़ चौकियों को तत्काल सक्रिय किया जाए। यमुना व गंगा नदी के जलस्तर की निगरानी की जाए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न होने पाए। इसके अलावा यमुना नदी के डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगह शिफ्ट करने की भी तैयारी की जाए। आपातकाल स्थिति से निपटने के लिए बड़ी नावों का अधिग्रहण करने का भी निर्देश दिया गया है। तहसील प्रशासन के साथ ही पुलिस को भी सक्रिय किया गया है। बाढ़ की प्रबल संभावना को देखते हुए अधिकारियों की निगाह यमुना नदी के जलस्तर पर टिक गई है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जलस्तर की लगातार रिपोर्ट चाहिए। माना जा रहा है कि यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर जाएगी। यही कारण है कि प्रशासनिक गलियारे में हड़कंप मचा हुआ है।

तराई में बड़े पैमाने पर हो सकता है नुकसान

यमुना नदी में यदि बाढ़ आती है तो तराई में बड़े पैमाने पर नुकसान हो सकता है। सबसे ज्यादा फसलों को क्षति पहुंच सकती है। तराई में मौजूदा समय बाजरा, तिल के अलावा धान व अन्य फसलें हैं। बाढ़ आने पर इन फसलों को भारी नुकसान हो सकता है। जिस तरह से आशंका जताई गई है, वह तराई के किसानों के लिए चिंताजनक है। पिछली बार भी किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था।

2019 की बाढ़ से ज्यादा है अबकी बार खतरा

यमुना नदी में अबकी बार वर्ष 2019 में आई बाढ़ से ज्यादा खतरा होने का अनुमान है। राजस्थान से छोड़ा गया पानी यमुना के खतरे को निशान को पार कर सकता है। यही कारण है कि अधिकारी जरूरी बंदोबस्त में जुट गए हैं। अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश दिया गया है कि वह सभी इंतजाम करें। स्वास्थ्य विभाग को भी हिदायत दी गई है कि यदि डूब क्षेत्र में रहने वाले लोग प्रभावित होते हैं तो उन्हें शिविर लगाना पड़ेगा। सभी जिम्मेदार विभाग अपनी-अपनी तैयारी में जुट गए हैं।

न्याय पंचायतवार बनेगी टीम

सात अगस्त को आने वाली बाढ़ से निपटने के लिए न्याय पंचायतवार टीम बनाने का भी निर्देश जारी किया गया है। इसमें गांव में युवाओं के अलावा लेखपाल, कानूनगो, ग्राम प्रधान व अन्य विभागों के कर्मचारी शामिल होंगे। इनकी जिम्मेदारी होगी कि यह यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर की निगरानी तो करेंगे ही साथ ही जरूरत पड़ने पर लोगों की मदद करेंगे और अधिकारियों को सूचना देंगे।

पंपिंग स्टेशनों को भी किया गया सतर्क

बाढ़ की संभावना को देखते हुए शासन ने पंपिंग स्टेशनों को भी सतर्क किया है। साथ ही निर्देश दिया गया है कि प्रत्येक दशा में पंपिंग स्टेशन चलते रहने चाहिए। अब किशुनपुर पंप कैनाल से सात पंपों के जरिए लगातार पानी छोड़ा जाएगा ताकि यमुना नदी का प्रवाह कम रहे। इसके अलावा मंडल के अन्य स्टेशनों के जिम्मेदारों को हिदायत दी गई है कि वह स्टेशन पर मौजूद रहें और उनको क्रियाशील बनाएं रखें।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें