संकल्प : खुद होंगे न दूसरों को होने देंगे संक्रमित
कोरोना संक्रमण से पूरा देश जूझ रहा है। बाहर से आए प्रवासी मजदूर होम क्वारंटीन से बचकर न केवल अपनी बल्कि दूसरों के साथ परिवार के लोगों की भी जान खतरे में डाल रहे हैं। सात दिन पहले भरवारी के रोही गांव...
कोरोना संक्रमण से पूरा देश जूझ रहा है। बाहर से आए प्रवासी मजदूर होम क्वारंटीन से बचकर न केवल अपनी बल्कि दूसरों के साथ परिवार के लोगों की भी जान खतरे में डाल रहे हैं। सात दिन पहले भरवारी के रोही गांव के आए प्रवासी मजदूरों ने घर न जाकर गांव के बाहर एक बाग में डेरा डाल लिया और बाग-खेत को ही क्वारंटीन सेंटर बना लिया। ऐसा कर प्रवासी मजदूरों ने लॉकडाउन तोड़ने वालों के सामने मिसाल पेश की है। सभी लोग एक साथ मुंबई से गांव लौटे थे।
भरवारी के रोही गांव के 14 मजदूर मुंबई में रहकर कमाई करते थे। सात दिन पहले सभी प्रवासी मजदूर एक साथ गांव लौटे। गांव के आने के बाद प्रवासी मजदूरों ने अनोखी मिसाल कायम की। गांव के बाहर मजदूर रुक गए। इसके बाद परिजनों को आने की जानकारी देते हुए चारपाई व बिस्तर गांव के बाहर एक बाग में मंगाया। इसके बाद प्रवासी मजदूरों ने बाग को ही क्वारंटीन सेंटर बना लिया। मुंबई से लेकर कौशाम्बी तक कई जगह थर्मल स्कैनिंग हुई थी। इसमें किसी भी प्रवासी मजदूर में कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए थे। गांव आने के बाद प्रवासी मजदूरों ने ठान लिया कि वह न खुद संक्रमित होंगे और न परिजनों व ग्रामीणों को इस महामारी की चपेट में आने देंगे। सोमवार रात प्रवासी मजदूरों के डेरे के एक युवक की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई तो मजदूरों के साथ गांव में लोगों की चिंता बढ़ गई।
ग्रामीणों की हुई थर्मल स्कैनिंग
भरवारी के रोही गांव में प्रवासी मजदूर के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद मंगलवार सुबह डॉक्टरों की टीम गांव पहुंची। इसके बाद टीम ने प्रवासी मजदूरों के साथ गांव के लोगों की थर्मल स्कैनिंग की। साथ ही गांव को सेनिटाइज भी कराए जाने का निर्देश अफसरों ने दिया है।