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कोरोना के दायरे में बंधे लोगों की बुखार से मौत

संचारी रोग नियंत्रण की कार्रवाई केवल कागजों तक रही। अफसरों का फोकस कोरोना तक ही सीमित रहा। जिसका नतीजा यह रहा कि बुखार ने लोगों की जान लेनी शुरू कर दी है। दस लोगों की मौत हो चुकी है। दर्जनों लोग...

कोरोना के दायरे में बंधे लोगों की बुखार से मौत
हिन्दुस्तान टीम,कौशाम्बीTue, 06 Oct 2020 03:24 AM
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संचारी रोग नियंत्रण की कार्रवाई केवल कागजों तक रही। अफसरों का फोकस कोरोना तक ही सीमित रहा। जिसका नतीजा यह रहा कि बुखार ने लोगों की जान लेनी शुरू कर दी है। दस लोगों की मौत हो चुकी है। दर्जनों लोग गंभीर रूप से बीमार हैं। निजी अस्पतालों के सभी बेड बुखार पीड़ितों से भरे पड़े हैं, इसके बाद भी अधिकारी इस बीमारी को लेकर बिलकुल नहीं संजीदा हैं। बीमारों के गांव में दवा का छिड़काव कराकर कागजी कोरम पूरा किया जा रहा है।

भरवारी नगर पालिका से बुखार ने पांव पसारना शुरू किया। धर्मराज नगर की पहले मां-बेटी ने दम तोड़ा। इसके बाद एक और व्यक्ति की मौत हुई। रविवार को अनुराग की सांसें बुखार की वजह से थम गई। भरवारी में इसके पहले भी मौत हो चुकी है। बुखार को रोकने में स्वास्थ्य विभाग नाकाम रहा। मलेरिया व डेंगू के सभी लोगों में लक्षण साफ थे, लेकिन विभाग इस बात पर पर्दा डालता रहा कि संक्रामक बीमारी है। दवा का छिड़काव कराकर लोगों का सैंपल लेकर टीम वापस चली गई। सोमवार को अनुराग की मौत के बाद दोबारा टीम आई।15 लोगों की जांच की गई। दस का सैंपल लिया गया। इसके अलावा अन्य लोगों को दवाएं दी गई। बारी आई थुलगुला गांव की। यहां भी बुखार ने हाहाकार मचा रखा है। इस गांव के जय सिंह, अंजली देवी, गीता देवी की मौत हो चुकी है। कैमा गांव के लकी ने भी बुखार से दम तोड़ दिया। दस दिन के भीतर दस लोगों की मौत हो चुकी है। डीएम अमित कुमार सिंह सीएमओ डॉ. पीएन चतुर्वेदी को निर्देश दे रहे है कि रोग से निपटने का इंतजाम किया जाए। सीएमओ भी निर्देश ही जारी कर रहे हैं। बाकी वही काम हो रहा है जो पीएचसी व सीएचसी स्तर से होता है। किसी की मौत के डॉक्टरों की टीम जाती है और जांच व सैंपल लेकर दवा का छिड़काव कराकर चली आती है। मौतों के नाम पर यही हो रहा है। कोरोना के दायरे मेंं बंधे लोग बुखार से दम तोड़ रहे हैं और प्रशासन तमाशा देख रहा है। बैठकों में इस बुखार का जिक्र नहीं हो रहा है, जो कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक बन चुका है। मलेरिया व डेंगू से निपटने के लिए अस्पतालों में वार्ड कागजी हैं, लेकिन जमीन पर निपटने की कोई व्यवस्था नहीं है।

थुलगुला गांव में चार लोग मिले बीमार

सिराथू। थुलगुला गांव में बुखार ने कहर बरपा रखा है। डेंगू व मलेरिया की आशंका से लोग दहशत में हैं। तीन मौतें हो चुकी हैं। सोमवार को टीम पहुंची। इनमें एएनएम शोभा देवी, आशा राजकुमारी, गायत्री देवी आंगनबाड़ी, अर्चना देवी आंगनबाड़ी शामिल रहीं। चारों ने गांव के लोगों की जांच की। दावा किया गया है कि चार लोग बीमार हैं। इनमें 17 साल का मिथलेश कुमार है। मिथलेश का इलाज प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में हो रहा है। हालत चिंताजनक बनी है। इसके अलावा सुधा, शिवम और आरती देवी भी बीमार हैं। इनका इलाज स्थानीय अस्पताल में हो रहा है। साफ है कि टीम नहीं आती तो इनका भी पता नहीं चलता। अस्पताल में बैठकर केवल कागजी कोरम पूरा करने की जो महकमे में रेवायत है, उससे आगे अफसर व जिम्मेदार नहीं बढ़ पा रहे हैं।

चोक नाली में दवा डालकर चले आए वापस

थुलगुला में सोमवार को बीमारों को चिह्नित करने के लिए टीम भेजी गई थी, हालांकि इसमें कोई डॉक्टर नहीं था। ये बात दूसरी है कि वह शायद लिखापढ़ी में टीम में जरूर शामिल रहे हों। जांच के दौरान थुलगुला गांव की नालियों में दवा का छिड़काव कराया गया। जिम्मेदारों को चोक नालियां नहीं दिखी। किसी ने भी प्रधान से यह नहीं कहा कि नाली साफ करवाई जाए। प्रधान ने भी अपनी कोई जिम्मेदारी नहीं समझी है। इतना ही नहीं गांव में लगे हैंडपंपों के पास पानी जमा रहता है। हरी घास भी है। संचारी रोग नियंत्रण के लिए पहला पाठ यही है कि पानी का जमाव कहीं नहीं होना चाहिए, लेकिन पहला पाठ ही नहीं लागू हो रहा है तो कैसे बीमारी से बचा जाएगा या बचाया जाएगा।

बुखार व दर्द से परेशान लोग

भरवारी के धर्मराज नगर के लोग अभी भी बुखार की चपेट में हैं। बुखार की जद में आने वाले लोग दर्द से भी बेहाल रहते हैं। अनुराग की मौत के बाद टीम ने मोहल्ले में जाकर जांच की। 15 लोगों की जांच की गई, इनमें से दस का सैंपल लिया। इनके अलावा अन्य लोगों को दवाएं वितरित की गई। गांव के लोग बुखार से परेशान हैं। जिन्हेुं बुखार आ रहा है, वह दर्द से भी हलाकान हैं।

बोले विधायक

संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम में लापरवाही होने की शिकायत मिल रही है। गांव की साफ सफाई व दवा का छिड़काव न कराने वाले सेक्रेटरी व प्रधानों के खिलाफ कार्रवााई कराई जाएगी। ये गंभीर मामला है। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

शीतला प्रसाद पटेल-विधायक सिराथू

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