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एक शीशी वेस्ट डीकम्पोजर पराली को बना देगा जैविक खाद

वेस्ट डीकम्पोजर की एक शीशी किसानों की समस्या का समाधान कर सकती है। इससे न सिर्फ तेजी से खाद बनती है, बल्कि जमीन की उपजाऊ शक्ति भी बढ़ती है। इसके...

एक शीशी वेस्ट डीकम्पोजर पराली को बना देगा जैविक खाद
हिन्दुस्तान टीम,कौशाम्बीMon, 06 Dec 2021 11:50 PM
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वेस्ट डीकम्पोजर की एक शीशी किसानों की समस्या का समाधान कर सकती है। इससे न सिर्फ तेजी से खाद बनती है, बल्कि जमीन की उपजाऊ शक्ति भी बढ़ती है। इसके प्रयोग से ऊसर व बंजर भूमि भी उपजाऊ हो जाती है। इससे अच्छी उपज के साथ खेत की मिट्टी में पैदा बीमारी भी दूर होती है। बस जरूरत है जैविक विधि अपनाने की।

किसान का खेती से मजबूत रिश्ता है। इसे केमिकल फर्टिलाइजर ने कम कर दिया। कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो वेस्ट डीकम्पोजर जमीन में उर्वरक के पोषक तत्वों को बढ़ाता है। इसके प्रयोग से जमीन की खोई हुई उर्वरा शक्ति पुन: लौट आती है। ऐसे में खेतों में धान-गेहूं की पराली किसान न जलाएं और वेस्ट डीकम्पोजर से 40 दिनों में जैविक खाद बनाकर उर्वरा शक्ति को बढ़ा सकते हैं।

खेत में डालें गोबर

जिस जमीन में जीवाश्म नहीं होते हैं फसल बहुत दिनों तक उर्वरक के सहारे उत्पादन नहीं दे सकती है। इस लिए किसानों को हर हाल में खेत में गोबर के साथ फसल का अवशेष आदि डालना चाहिए। कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो डीकम्पोजर जमीन में उर्वरक के पोषक तत्व को घोलकर फसल के लायक बनाते हैं।

एक शीशी से तैयार होती है 200 लीटर तरल खाद

वेस्ट डी कम्पोजर की एक शीशी से दो सौ लीटर तरल खाद तैयार होती है। इसे खेत में छिड़काव करें। इसका उपयोग करने से पहले कल्चर बनाया जाता है। 200 लीटर पानी भरे ड्रम में दवा को डालने के बाद उसमें दो किलोग्राम गुड़ का घोल बनाकर मिला दें। चार से पांच दिनों तक इसकी बराबर देखभाल करनी चाहिए। पानी की ऊपरी सतह में फफूंद पड़ जाए तो समझ लेना चाहिए कि यह प्रयोग के लायक हो गया है।

फफूंद रोग को भी नष्ट करता है डीकम्पोजर

वेस्ट डीकम्पोजर का घोल खेतों की उर्वरक शक्ति बढ़ाने के साथ फसलों में लगने वाले फफूंद रोग को भी नष्ट करता है। इसके अलावा उपज में भी सुधार होता है। एक शीशी के प्रयोग से किसान अपने खेतों की खोई हुई उर्वरा शक्ति को लौटा सकता है।

खरपतवार के साथ फसल के अवशेष से ऐसे बनाएं जैविक खाद

जिला कृषि अधिकारी मनोज गौतम ने बताया कि वेस्ट डीकम्पोजर जैविक खाद बनाने के लिए उपयोगी तरल पदार्थ है। 100 एमएल की एक शीशी से 200 लीटर तरल खाद तैयार करने के बाद उसे खरपतवार के साथ खेत के फसल के अवशेष को एकत्र करके छिड़काव करने से जैविक खाद तैयार होती है। इसके उपयोग से किसान खेतों की उर्वरा शक्ति को बढ़ा सकतें है।

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