दरवाजा न खिड़की, गंदगी का लगा ढेर
चायल कस्बा स्थित नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का सोमवार को राज्य स्वास्थ्य टीम के सहायक इंजीनियर महेश चंद्र श्रीवास्तव ने निरीक्षण...
चायल कस्बा स्थित नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का सोमवार को राज्य स्वास्थ्य टीम के सहायक इंजीनियर महेश चंद्र श्रीवास्तव ने निरीक्षण किया। क्षेत्र के लोगों ने कई बार सीएचसी को चालू कराने की मांग उठाई थी। जांच के दौरान टीम को सीएचसी के दरवाजे-खिड़की नदारद मिले। अस्पताल परिसर में गंदगी का अंबार मिला।
स्थानीय कस्बे में सात साल पहले बनकर तैयार हुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अपने हाल पर रो रहा है। कार्यदायी संस्था जल निगम की ओर से हस्तांतरण न करने के कारण अस्पताल नहीं चल पा रहा है। शासन ने सीएचसी के नाम पर डाक्टरों की नियुक्ति भी कर दी है, लेकिन संसाधन के अभाव के कारण मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। तीन करोड़ चार लाख की लागत से सीएचसी का निर्माण कराया गया था। 2012 में सीएचसी बनकर तैयार हो गया था। सड़क की सतह से भवन नीचा होने के कारण बरसात के दिनों में वहां जलभराव की स्थिति बन जाती है। भवन के समय से हस्तांतरण न होने के कारण अराजकतत्व दीवारें तोड़ कर खिड़की दरवाजे निकाल ले गए। क्षेत्र के लोगों और अराजनैतिक भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने सीएचसी चालू कराने की कई बार शिकायत की थी। सोमवार को राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विभाग की टीम निरीक्षण करने के लिए सीएचसी पहुंची। उनके साथ जेई डीआर सिंह और प्रभारी चिकित्साधिकारी मुक्तेश द्विवेदी मौजूद रहे।
कार्यदायी संस्था ने मरम्मतीकरण के लिए मांगे 88 लाख रुपये
चायल कस्बे में नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण सन् 2013 में हुआ था। कार्यदायी संस्था सीएनडीएस ने 2013 में तत्कालीन सीएमओ को सीएचसी हस्तांरण करने के लिए कहा था। सीएमओ ने भवन में फैन, टयूबलाइट, आवास और फर्श आदि न बनने पर उन्होंने हैंडओवर करने से इंकार कर दिया। इस समय कार्यदायी संस्था भवन के मरम्मतीकरण के लिए 88 लाख रुपये की मांग कर रही है।