जरूरत नहीं, फिर भी चरित्र प्रमाण पत्र को मारामारी
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए बड़ी संख्या में लोग चरित्र प्रमाण पत्र बनवाने को परेशान हैं। इसके लिए वह सुबह से शाम तक थाना व एसपी कार्यालय का चक्कर...
मंझनपुर। निज संवाददाता
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए बड़ी संख्या में लोग चरित्र प्रमाण पत्र बनवाने को परेशान हैं। इसके लिए वह सुबह से शाम तक थाना व एसपी कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। कोई आवेदन करने के लिए परेशान है तो कोई प्रमाण पत्र पाने के लिए। अचानक भीड़ बढ़ने पर दोपहर दो बजे के बाद एसपी ऑफिस का गेट बंद कर दिया जा रहा है। वहीं, डीपीआरओ का कहना है कि नामांकन करने के लिए चरित्र प्रमाण पत्र की कोई आवश्यकता नहीं है। नामांकन के लिए अदेयता प्रमाण पत्र जरूरी है।
ग्राम प्रधान, बीडीसी व जिला पंचायत सदस्य पद के लिए चुनाव लड़ रहे लोग चरित्र प्रमाण पत्र बनवाने के लिए परेशान हैं। बड़ी संख्या में लोगों ने आवेदन किया है। प्रतिदिन करीब 50 से 55 आवेदन हो रहे हैं। सोमवार को 100 से अधिक लोगों ने चरित्र प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया। इसके अलावा लोगों की भीड़ जुट रही। पुलिसकर्मी लोगों को बताते रहे कि इसकी कोई आवश्यक्ता नहीं है। वह बेवजह परेशान हैं, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था। आवेदन करने के लिए लोग खासे परेशान रहे। भीड़ अधिक होने के कारण करीब दो बजे पुलिस ऑफिस का मेन गेट बंद कर दिया गया। कोविड-19 के नियमों का पालन कराते हुए पुलिस कर्मियों ने मेन गेट से एक-एक व्यक्ति को अंदर प्रवेश दिया। इसके बाद लोगों ने अपना आवेदन पत्र जमा किया। इनमें से कई लोग अपने आवेदन की स्थिति जानने को परेशान रहे। डीपीआरओ गोपालजी ओझा ने बताया कि नामांकन के लिए चरित्र प्रमाण पत्र की कोई आवश्यकता नहीं है। कहा कि नामांकन पत्र के साथ अदेयता प्रमाण पत्र देना जरूरी है।
सौ रुपये में बेचा जा रहा है फॉर्म
चरित्र प्रमाण पत्र का आवेदन पत्र दुकानों से सौ रुपये में बेचा जा रहा है। इसके अलावा जबरन लोग हलफनामा भी बनवाकर दे रहे हैं। चुनाव लड़ने वाले दावेदार आवेदन पत्र के साथ हलफनामा भी बनवा रहे हैं। दुकानदार व स्टांप वेंडर जबरन लोगों को परेशान कर रुपये कमा रहे हैं, जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं है।