भरवारी नगर पालिका के वार्ड नंबर 19 धर्मराज नगर में बुखार से मां-बेटी की मौत के बाद बुधवार रात डॉक्टरों की टीम पहुंची। टीम ने जांच की तो नौ और मरीज गंभीर हालत में मिले। इनमें से दो को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि सात लोगों को मूरतगंज पीएचसी में। रात में ही दवा का छिड़काव कराया गया। गुरुवार सुबह वार्ड में सफाई का कार्य हुआ।
भरवारी नगर पालिका के वार्ड नंबर 19 धर्मराज नगर में बुखार ने घर-घर दस्तक दे दी है। नागरिकों का कहना है कि बुखार में लगभग डेंगू के लक्षण हैं। लोगों की प्लेटलेटस कम हो गई है। यह तेजी से फैल भी रहा है। वार्ड की प्रीति व उसकी मां गुड्डी देवी की मौत हो चुकी है। मंगलवार को प्रीति ने दम तोड़ा तो बुधवार को गुड्डी की सांसें थमीं। इनकी मौत की जानकारी हुई तो बीमार लोगों का कलेजा कांप गया। रात करीब आठ बजे मूरतगंज पीएचसी प्रभारी डॉ. सुनील सिंह टीम के साथ वार्ड पहुंचे। लोगों की जांच की गई। इस दौरान सुनील सिंह, पुष्पा देवी, संगीता देवी, उर्मिला देवी, पूजा, शकुंतला, फूलपती व दो अन्य महिलाओं की हालत गंभीर मिली। इनमें से दो को जिला अस्पताल रेफर किया गया है, बाकि लोगों को मूरतगंज पीएचसी में भर्ती किया गया। दर्जनों लोग बीमार हैं और उनका इलाज निजी अस्पतालों में हो रहा है। रात में सूचना देकर नगर पालिका के कर्मचारियों से वार्ड में दवा का छिड़काव कराया गया। गुरुवार सुबह सफाई कर्मचारियों की टोली वार्ड में पहुंची। नाली की सफाई हुई। इस दौरान पालिका के कर्मचारी व डॉक्टरों की टीम वार्ड में आती-जाती रही।
बुखार के पांव पसारने से लोगों में गुस्सा
भरवारी नगर पालिका के वार्ड नंबर 19 के लोगों में जबर्दस्त गुस्सा है। वार्ड के दर्जनों लोग बीमार हैं। इनमें से दो की मौत हो चुकी है। बुखार की चपेट में आने से लोग परेशान हैं। निजी अस्पतालों का लोग चक्कर काट रहे हैं। जांच पर जांच हो रही है। कोई मलेरिया की जांच करवा रहा है तो डेंगू की। किसी को टाइफाइड बताया जा रहा है तो किसी की प्लेटलेटस कम बताई जा रही है। इन सबके लिए वार्ड की गंदगी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। यही कारण है कि लोग पालिका के कर्मचारियों से खफा हैं। नागरिकों ने बताया कि वार्ड में गंदगी ही गंदगी है। शिकायत के बाद भी सफाई नहीं कराई गई।
नाली से कीचड़ निकालकर चले गए थे कर्मचारी
वार्ड नंबर 19 में बुखार की चपेट में लोग आना शुरू हुए तो सफाई कर्मचारियों को भेजा गया। सफाई कर्मचारियों ने बजबजा रही नालियों को साफ तो किया, लेकिन कीचड़ नाली के ही बगल में रखकर चले गए थे। बुधवार रात डॉक्टरों की टीम आई तो उसने आपत्ति जताई। साथ ही ईओ से बातचीत की गई। जानकारी होते ही ईओ गिरीश चंद्र ने सफाई कर्मचारियों को गुरुवार सुबह भेजकर नाली से निकाला गया। कीचड़ ट्रैक्टर में लदवाकर बाहर भेजा गया। पूरे वार्ड की सफाई हुई।