मतदान से दो घंटे पहले स्थगित हुआ जिपं अध्यक्ष का उप चुनाव
सोमवार को होने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष के उप चुनाव को स्थगित कर दिया गया। चुनाव समय के दो घंटे पूर्व इसकी जानकारी होने पर उम्मीदवारों के समर्थकों ने विरोध करने की कोशिश की पर भारी पुलिस बल देख वह...
वर्ष 2016 से जिला पंचायत की कुर्सी को लेकर खींचतान चल रही है। 13 जनवरी 2016 को चुनाव के बाद मधुपति ने जिला पंचायत की बागडोर संभाली। एक साल नहीं बीता था कि उठा-पटक का सिलसिला शुरू हो गया। अनामिका सिंह ने सदस्यों को लेकर अविश्वास प्रस्ताव डीएम को दिया। कुर्सी जाने से पहले मधुपति ने इस्तीफा दे दिया। 23 अगस्त 2017 को हुए उप चुनाव में अनामिका सिंह जिला पंचायत की कुर्सी पर बैठी। इनका भी कार्यकाल नहीं चल सका। सदस्य फिर बागी हो गए। आठ अक्टूबर 2018 को अनामिका सिंह ने भी कुर्सी छोड़ते हुए इस्तीफा दे दिया। इसके बाद प्रशासन ने उप चुनाव की तैयारी शुरू की। आठ महीने बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव की घोषणा करते हुए 29 जुलाई की तरीख मतदान व परिणाम के लिए घोषित किया। चुनाव प्रक्रिया शुरू होते ही एक बार फिर सियासी पारा चढ़ गया। इस बार चुनावी मैदान में मधुपति के सामने जिला पंचायत सदस्य अवधरानी का नामांकन किया। अब सिलसिला शुरू हुआ सदस्यों को अपने पक्ष में मतदान कराने का। मतदान के ठीक दो दिन पहले भाजपा के सांसद व विधायकों ने अवधरानी के प्रतिद्वंदी उम्मीदवार मधुपति पर सदस्यों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाते हुए वीडियो जिला निर्वाचन अधिकारी को दिया। इसके बाद जिला प्रशासन चुनाव की तैयारी में लगा रहा। उपचुनाव से ठीक दो घंटे पहले जिला निर्वाचन अधिकारी की रिपोर्ट पर राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रक्रिया पर विराम लगा दिया। एआरओ अपर जिलाधिकारी मनोज ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशन पर उप चुनाव की प्रक्रिया रोकी गई है।