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हाल-ए-गांव: छह लोगों की मौत के बाद डकशरीरा में है दहशत का माहौल

ये बीमारी ही है.. जो घर के मुखिया को खा गई। साथ ही फौजी बेटे और शिक्षक को भी निगल गई। एक ही घर के तीन लोगों की मौत से डकशरीरा गांव में हड़कंप...

ये बीमारी ही है.. जो घर के मुखिया को खा गई। साथ ही फौजी बेटे और शिक्षक को भी निगल गई। एक ही घर के तीन लोगों की मौत से डकशरीरा गांव में हड़कंप...
1/ 2ये बीमारी ही है.. जो घर के मुखिया को खा गई। साथ ही फौजी बेटे और शिक्षक को भी निगल गई। एक ही घर के तीन लोगों की मौत से डकशरीरा गांव में हड़कंप...
ये बीमारी ही है.. जो घर के मुखिया को खा गई। साथ ही फौजी बेटे और शिक्षक को भी निगल गई। एक ही घर के तीन लोगों की मौत से डकशरीरा गांव में हड़कंप...
2/ 2ये बीमारी ही है.. जो घर के मुखिया को खा गई। साथ ही फौजी बेटे और शिक्षक को भी निगल गई। एक ही घर के तीन लोगों की मौत से डकशरीरा गांव में हड़कंप...
हिन्दुस्तान टीम,कौशाम्बीSun, 16 May 2021 11:32 PM
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ये बीमारी ही है.. जो घर के मुखिया को खा गई। साथ ही फौजी बेटे और शिक्षक को भी निगल गई। एक ही घर के तीन लोगों की मौत से डकशरीरा गांव में हड़कंप मचा। जब तक लोग कुछ समझ पाते तीन और लोगों ने दम तोड़ दिया। कोरोना महामारी के दौर में कौन किस बीमारी से मरा यह रहस्य ही रह गया। गांव के लोग बीमार हैं। वह सरकारी अस्पताल जाने की हिम्मत नही जुटा पा रहे हैं। यही गांवों की सच्चाई है। झोलाछाप, नीम हकीम उनके नए भगवान बन गए हैं।

सरसवां पीएचसी के डकशरीरा गांव के एक परिवार की कहानी बहुत दर्दनाक है। गांव के दीनानाथ तिवारी (90) कोरोना महामारी के बीच बीमार हुए। इनके बड़े बेटे भुवन तिवारी शिक्षक थे और छोटा बेटा सुरेश तिवारी रिटायर्ड फौजी। बीमार पिता की जान बचाने के लिए दोनों बेटों ने अपनी जान दांव पर लगा दी। फिर भी न पिता को बचा सके, न खुद को। तीनों की मौत हो गई। इनके अलावा गांव के बबलू, लोकनाथ द्विवेदी और मदन सिंह की बहू ने दम तोड़ दिया। गांव में ढाई हजार की आबादी है। बीमारी से लोगों की मौत होने पर ग्रामीणों में दहशत है। गांव में बड़ी संख्या में लोग बीमार हैं। अधिकांश लोग सर्दी-जुकाम, खांसी से ग्रसित हैं। मौतों की वजह से गांव के लोग जिला अस्पताल अथवा सरकारी अस्पताल नहीं आते। लोगों के दिमाग में बैठ गया है कि यदि वह जांच कराएंगे तो कोरोना पॉजिटिव आने पर उनको घर नहीं आने दिया जाएगा। यही कारण है कि लोग सरकारी अस्पतालों से दूरी बनाएं हैं। लोग परेशान हैं। अब आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां भी सक्रिय हुई हैं।

इनका कहना है:

डकशरीरा गांव में कई लोगों के निधन की सूचना मिली है। इसके अलावा बीमारों के बारे में भी बताया गया है। सोमवार को गांव में टीम भेजी जाएगी। आशा के जरिए भी रिपोर्ट मिली है। शिविर लगाकर लोगों का इलाज किया जाएगा।

संजय गुप्ता-सरसवां पीएचसी प्रभारी

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