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पुत्र वियोग में दशरथ ने त्याग दिए प्राण

अजुहा रामलीला में शनिवार की रात राम वनवास के साथ दशरथ विलाप का मंचन किया गया। अयोध्या नगरी में राम के राज्यभिषेक की तैयारी चल रही थी। चारों ओर...

पुत्र वियोग में दशरथ ने त्याग दिए प्राण
हिन्दुस्तान टीम,कौशाम्बीSun, 24 Oct 2021 04:20 PM
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अजुहा रामलीला में शनिवार की रात राम वनवास के साथ दशरथ विलाप का मंचन किया गया। अयोध्या नगरी में राम के राज्यभिषेक की तैयारी चल रही थी। चारों ओर मंगल गीत हो रहे थे। इसी बीच मंथरा रानी कैकेयी के कान भर देती हैं। रानी कैकेयी कोप भवन में चली जाती हैं। राजा दशरथ को जानकारी होती है तो वह मनाने पहुंचते हैं। इसी दौरान रानी कैकई ने राजा से दो वरदान मांग लेती है। राम को चौदह वर्ष का वनवास और भरत को राजगद्दी। इसके बाद अयोध्या नगरी में सन्नाटा पसर जाता है। रानी कैकेयी का कठोर वचन सुन राजा दशरथ मूर्छित हो जाते हैं। इसकी जानकारी महामंत्री सुमंत को होती है तो वह राम को बुलाने के लिए पहुंचते हैं। इसके बाद राजा दशरथ राम को वन जाने की आज्ञा दे देते है। पिता की आज्ञा पाकर राम सीता व लक्ष्मण वन को चले जाते हैं। राम वनवास की खबर अयोध्या वासियों को लगती है तो अयोध्या नगरी में शोक की लहर दौड़ जाती है। भगवान राम को लेने के लिए अयोध्या वासी सरयू नदी तट पर पहुंचते पर राम लौटने से मना कर देते हैं। इसके बाद राजा दशरथ पुत्र वियोग में विलाप करते हुए प्राण त्याग देते हैं। दशरथ विलाप के साथ राम वन गमन का मंचन देख दर्शन भाव विभोर हो जाते है। जय श्रीराम के जयघोष से रामलीला मैदान गुंजायमान हो उठता है। इस मौके पर रामलीला कमेटी के अध्यक्ष सौरभ केसरवानी, विमल, दीपक साहू, अरविंद केसरवानी, विपिन मोदनवाल, संजीव कुमार, समरजीत, अनिल कुमार, ज्ञानचंद्र आदि लोग मौजूद रहे।

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