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गंगा का जलस्तर घटा, फिर भी सैकड़ों बीघा फसल डूबी

गंगा का जलस्तर घटने लगा है। इससे कछार के लोगों के साथ ही प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है। हालांकि बाढ़ के पानी से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। सैकड़ों बीघा लोगों की फसल पानी में डूब गई है। धान के...

गंगा का जलस्तर घटा, फिर भी सैकड़ों बीघा फसल डूबी
हिन्दुस्तान टीम,कौशाम्बीTue, 11 Sep 2018 10:34 PM
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गंगा का जलस्तर घटने लगा है। इससे कछार के लोगों के साथ ही प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है। हालांकि बाढ़ के पानी से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। सैकड़ों बीघा लोगों की फसल पानी में डूब गई है। धान के अलावा सब्जी की खेती भी प्रभावित हुई है। इससे किसान परेशान हैं। रात में जलस्तर बढ़ने से सुखऊ का पुरवा गांव के लोग बेचैन थे। उन्होंने रात जागकर बिताई।

सोमवार को अचानक गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा था। शाम तक गंगा का पानी सुखऊ का पुरवा गांव के करीब तक पहुंच गया था। इससे ग्रामीणों के होश उड़ गए थे। बाढ़ के पानी की चपेट में आने से बैगन, मिर्च, तिल्ली, बाजरा, उड़द, केला, केला की चौपट हो गई है। सैकड़ों बीघा फसल बर्बाद होने से किसान परेशान हो गए हैं। किसानों का कहना है कि मेहनत के साथ ही पानी में उनकी लागत भी डूब चुकी है। सुखऊ का पुरवा गांव के लोगों ने रात जागकर बिताई। बढ़ते जलस्तर ने लोगों को दहशत में डाल दिया था। रातभर लोगों की निगाह जलस्तर पर रही। सुबह लोगों ने देखा कि जलस्तर घटा है तो राहत की सांस ली। मंगलवार सुबह तहसीलदा सिराथू के साथ राजस्वकर्मी गांव पहुंचे। नदी का जायजा लिया। जलस्तर घटने की जानकारी हुई तो लोगों ने राहत की सांस ली। इसकी जानकारी डीएम व एसडीएम को दी गई। गंगा का जलस्तर घटा है, लेकिन कटान जारी है। इससे खतरा अभी भी बना हुआ है।

केले को भारी नुकसान, लाखों रुपये डूबे

बाढ़ के पानी से गंगा के कछार में केला की खेती करने वाले काश्तकारों को भारी नुकसान हुआ है। सुखऊ का पुरवा के रामराज पटेल ने बताया कि केला की फसल डूब गई है। इससे अब फसल बर्बाद होना तय है। बताया कि केला की फसल में लोगों की मोटी रकम लगी है। इससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। यही हाल बैगन व मिर्च की खेती करने वालों का है।

सुरक्षा के लिए लोगों ने की थी बैरीकेडिंग

सोमवार को सुखऊ का पुरवा गांव के काफी नजदीक तक पानी पहुंच गया था। आवागमन के लिए रास्ता नहीं बचा था। पानी ही पानी भरा था। ऐसे में लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए ग्रामीणों ने बैरीकेडिंग की थी। बांस को पकड़कर ही लोग आवागमन कर रहे थे। इतना ही नहीं नाव में सामान लादकर लोगों ने उसे दूसरे गांव पहुंचा दिया था।

ग्रामीणों ने कहा- खतरा अभी भी बरकरार है

गंगा कछार के लोगों का कहना है कि जलस्तर घटा जरूर है, लेकिन खतरा अभी भी बना हुआ है। बताया कि कटान बहुत तेजी से हो रहा है। इससे गांव में पानी घुस सकता है। इसके अलावा अभी एक बार फिर जलस्तर बढ़ सकता है। इसकी संभावना को देखते हुए गांव के लोग सतर्क हैं।

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