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बच्चों को मिला सहारा, भेजे गए वाराणसी

सैनी में चार मार्च को आग लगने से पति-पत्नी की मौत हो गई थी। दंपती की मौत के बाद तीन बच्चे अनाथ हो गए थे। इन बच्चों की देखभाल करने वाला कोई नहीं...

बच्चों को मिला सहारा, भेजे गए वाराणसी
हिन्दुस्तान टीम,कौशाम्बीFri, 22 Jun 2018 10:36 PM
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सैनी में चार मार्च को आग लगने से पति-पत्नी की मौत हो गई थी। दंपती की मौत के बाद तीन बच्चे अनाथ हो गए थे। इन बच्चों की देखभाल करने वाला कोई नहीं थी। बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने इन बच्चों की परवरिश के लिए एसजेएस चिल्ड्रेन विलेज वाराणसी से संपर्क किया। एसजेएस ने बाल कल्याण समिति की सिफारिश को मान लिया है। शुक्रवार को एडीएम ने हरी झंडी देकर तीनों अनाथ बच्चों को वाराणसी के लिए रवाना कर दिया। अब ये बच्चे वहां पढ़ाई-लिखाई करेंगे। इनके खान-पान की भी व्यवस्था की जाएगी।

सैनी में चार मार्च को लक्ष्मीचंद्र के घर में अचानक आग लग गई थी। आग की चपेट में लक्ष्मीचंद्र की पत्नी सपना देवी (30) आ गई थी। पत्नी को बचाने के चक्कर में लक्ष्मीचंद्र (35) भी गंभीर रूप से झुलस गया था। दोनों की एसआरएन अस्पताल में मौत हो गई थी। लक्ष्मीचंद्र और सपना की मौत के बाद उनके तीन बच्चे अनाथ हो गए थे। बड़ा बेटा करन (10), काजल (08) और अर्जुन (07) की परवरिश का संकट खड़ा हो गया था। बाल कल्याण समिति ने बच्चों को एसजेएस चिल्ड्रेन विलेज वाराणसी भेजने का फैसला लिया। इसके बाद एसजेएस को मेल भेजी गई। इसमें डीएम की ओर से भी सिफारिश की गई थी। एसजेएस ने बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी ले ली। शुक्रवार को बच्चों को बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष विनय मिश्र, सदस्य रोहित यादव और मो. रेहान एडीएम राकेश श्रीवास्तव के पास पहुंचे। एडीएम बच्चों से मिले। इसके बाद उनको हरी झंडी देकर वाहन से वाराणसी के लिए रवाना किया। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष विनय मिश्र ने बताया कि एसजेएस प्रति बच्चे पर 12 हजार रुपये हर माह खर्च करेगी। बच्चों को सीबीएसई बोर्ड के स्कूल में पढ़ाया जाएगा।

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