क्रांतिकारी दुर्गा भाभी को परिजनों ने किया याद
Kausambi News - क्रांतिकारी दुर्गाभाभी का जन्म 7 अक्टूबर 1907 को हुआ था। उनके भतीजे उदयशंकर भट्ट ने परिवार के साथ मिलकर उनके जन्मदिन पर श्रद्धांजलि अर्पित की। दुर्गाभाभी ने आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।...

क्रांतिकारी दुर्गाभाभी का जन्म सात अक्तूबर 1907 को हुआ था। अपनी रणनीति से क्रांतिकारियों की मदद करते हुए अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाली वीरांगना को भले ही प्रशासन भूल गया पर उनके अपनों ने याद रखा। मंगलवार को जन्मदिवस पर उनके भतीजे उदयशंकर भट्ट सपरिवार पहुंचे और श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उन्हें नम आंखों से याद किया। सिराथू तहसील के शहजादपुर निवासी बांके बिहारी भट्ट के यहां पुत्री के रूप में दुर्गाभाभी का जन्म सात अक्तूबर 1907 को हुआ था। इस समय देश में अंग्रेजों के विरुद्ध आजादी की लड़ाई का बिगुल बज चुका था। बड़ी होने पर देश, परिस्थिति को देखते हुए एक क्रांतिकारी के रूप में वह उतर पड़ी।
18 दिसम्बर 1928 में उन्होंने सरदार भगत को वेष बदलाकर कलकत्ता मेल से यात्रा की थी। उनकी शातिर दिमांग से अंग्रेज भी कांपते थे। इस दौरान उन्होंने आजादी के दीवानों की कई बार मदद भी किया था। लेकिन जिले की लाडली व महान क्रांतिकारी के जन्मदिन पर न तो बड़ी-बड़ी डींग हांकने वाले राजनेताओं को फुरसत मिली और न ही प्रशासनिक अमले ने ही उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस मौके पर उनके भतीजे मंगलवार को पत्नी सविता देवी व बच्चे अमित भट्ट, आशीष भट्ट , शिवेश, शिवांगी पूरे परिवार के साथ स्मारक स्थल पर पहुंचे और अपनी बुआ को पुष्प माला अर्पित कर दीप प्रज्वलन करते हुए नमन करते हुए देश की आजादी के लिए किए गए प्रयासों को याद किया। उन्होंने कहा कि वह हर साल अपनी बुआ की जन्मतिथि सात अक्तूबर व पुण्यतिथि 14 अक्तूबर को अपने परिवार के साथ मिलकर मनाते है और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लेते हैं।
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