सीबीआई ने खनन अधिकारी से तलब किए दस्तावेज
अवैध बालू खनन की जांच कर रही सीबीआई ने सोमवार रात वीवीआईपी गेस्ट हाउस में दोबारा डेरा डाल दिया...
अवैध बालू खनन की जांच कर रही सीबीआई ने सोमवार रात वीवीआईपी गेस्ट हाउस में दोबारा डेरा डाल दिया है। सीबीआई ने आते ही बालू माफिया पर शिकंजा कस दिया है। जांच के लिए खनन अधिकारी से मंगलवार को अभिलेख तलब किए गए। 15 दिन तक रहकर टीम जांच करेगी। माना जा रहा है कि अबकी बालू माफिया के खिलाफ टीम कार्रवाई कर सकती है।वर्ष 2016 में अवैध बालू खनन के मामले को लेकर उच्च न्यायालय ने सीबीआई को जांच सौंपी थी। जांच के दौरान सीबीआई ने तत्कालीन खनन अधिकारी समेत आधा दर्जन से ज्यादा लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। आरोपियों में सिंडीकेट के लोग शामिल थे। जांच के बाद सीबीआई ने बालू माफिया के खिलाफ अवैध खनन के अहम साक्ष्य जुटाए थे। इसके बाद टीम वापस चली गई थी। 22 जुलाई वर्ष 2019 को सीबीआई ने यहां डेरा डाला था। कैंप कार्यालय में टीम ने कई कारोबारियों से पूछताछ की थी। इससे कारोबारियों में हड़कंप मचा था। लगातार दिन तक सीबीआई ने खनन विभाग के दफ्तर में छापा मारकर जांच की थी। इस दौरान महत्वपूर्ण अभिलेख खंगाले गए थे। टीम ने 15 दिन तक जांच की थी। जांच के बाद सीबीआई चली गई थी। बीते सोमवार की रात वीवीआईपी गेस्ट हाउस में टीम दोबारा आ गई। मंगलवार को टीम ने सुबह होते ही खनन अधिकारी आरपी सिंह को बुलाया। सीबीआई वर्ष 2012 से लेकर वर्ष 2016 तक हुए तक खनन की जांच कर रही है। इसके अभिलेख खनन अधिकारी से मांगे गए। इससे खनन विभाग में खलबली मची है। बालू माफिया को जानकारी हुई तो वह भी बौखला गए। लोगों का मानना है कि अबकी सीबीआई कार्रवाई करने के इरादे से आई है। खनन अधिकारी आरपी सिंह ने बताया कि अवैध बालू खनन की जांच के लिए सीबीआई आई है। सीबीआई दो हफ्ते तक रहकर यहां जांच करेगी। खनन विभाग जांच के लिए पूरा सहयोग कर रहा है।सिंडीकेट के गुर्गों पर कसा शिकंजाकौशाम्बी के बालू घाटों पर सिंडीकेट ने सपा सरकार में जमकर अवैध खनन किया था। बालू घाटों का पट्टा न होने के बाद भी बालू की निकासी की गई थी। इसकी बाकायदा वीडियो व फोटो भी शासन को उपलब्ध करवाई गई थी। तत्कालीन अधिकारियों की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका थी। यह सारा खेल सिंडीकेट ने खेला था। सीबीआई की निगाह सिंडीकेट व उसके गुर्गों पर हैं। सीबीआई ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें उनका नाम है। इसके अलावा बालू कारोबारी भी शामिल हैं।सिंडीकेट के ठिकानों की हुई थी जांच सीबीआई पिछली बार जब आई थी तो उसने सिंडीकेट के ठिकानों की भी तलाश की थी। साथ ही किराए पर मकान देने वालों से भी पूछताछ की गई थी। इसके बाद अन्य लोगों से पूछताछ की गई थी। जिला पंचायत के भी लोगों से सवाल-जवाब हुआ था, क्योंकि इस अवैध खनन का खुलासा जिला पंचायत की लाल पर्ची से हुआ था। प्रशासन यह कह रहा था कि खनन हुआ नहीं था, जबकि जिला पंचायत ने बालू निकासी का राजस्व वसूला था।