ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश कौशाम्बीटूटी माइनर, सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न

टूटी माइनर, सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न

विकास खंड नेवादा के तिल्हापुर माइनर में क्षमता से अधिक पानी छोड़ने से किसानों की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई। मायूस किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की...

टूटी माइनर, सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न
हिन्दुस्तान टीम,कौशाम्बीMon, 08 Jan 2018 11:17 PM
ऐप पर पढ़ें

विकास खंड नेवादा के तिल्हापुर माइनर में क्षमता से अधिक पानी छोड़ने से किसानों की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई। मायूस किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है।

फतेहपुर के किशुनपुर पंप कैनाल से निकलकर सेंहुढ़ा, पिपरहाई, दूल्हापुर आदि गांवों से होकर तिल्हापुर माइनर यमुना नदी में जाकर मिलती है। इस माइनर में इस समय पानी नहीं था। पानी नहीं होने पर किसी तरह लोगों ने खेतों में फसल तैयार की। इस बीच माइनर की बिना सिल्ट सफाई किए सोमवार रात नहर के माइनर में पानी छोड़ दिया गया। इससे तटबंधों को तोड़ते हुए ओवरफ्लो कर लोगों के खेतों में बह गया। इससे कई गांव के किसानों की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न होकर चौपट हो गई। ग्रामीणों का आरोप है कि सूचना देने के बाद भी विभाग उदासीन बना रहा। किसान अपने स्तर से तटबंध बांध कर फसल को सुरक्षित करने में जुटे रहे। पिपरहाई गांव के पप्पू सिंह ने बताया कि नहर में पानी कभी भी समय से नहीं मिल पाता, जिससे किसानों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। कारण की नहर किनारे के किसान खेती का मुख्य साधन नहर को ही मान बैठे हैं। इन दिनों फसलों की सिंचाई के लिए पानी की अत्यधिक आवश्यकता थी तो विभाग उदासीन बना रहा। जब किसी तरह से लोगों नें बोआई कर ली तब पानी छोड़ने की याद आई, जिसका परिणाम रहा कि फसलें जलमग्न हो गई। सेंहुढ़ा के छोटेलाल ने बताया कि हमेशा पानी उसी समय आता है जब उसकी कोई आवश्यकता नहीं होती।

प्रतिवर्ष किसानों को नहर विभाग के अधिकारियों- कर्मचारियों की लापरवाही के चलते भारी नुकसान उठाना पड़ता है। धर्मराज पाल ने कहा कि विभाग को किसान की आवश्यकताओं से कोई सरोकार नहीं है। विगत एक वर्ष से नहर में पानी नहीं आ रहा था। अचानक पानी छोड़ दिये जाने से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। अचानक नहर में पानी छोड़ देना विभाग की लापरवाही का दर्शाता है, जबकि नहर की अभी सफाई भी नहीं हुई है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें