टीईटी में सेंध: गैरहाजिर रहने पर भी कैसे दे रहे थे वेतन
टीईटी के लाखों परीक्षार्थियों का सपना तोड़ने वाला स्वास्थ्य विभाग का एलटी निकला। इसमें उसका सहयोगी प्राइमरी विद्यालय का एक सहायक अध्यापक भी है।...
टीईटी के लाखों परीक्षार्थियों का सपना तोड़ने वाला स्वास्थ्य विभाग का एलटी निकला। इसमें उसका सहयोगी प्राइमरी विद्यालय का एक सहायक अध्यापक भी है। एलटी महीनों अस्पताल नहीं आता था, लेकिन सीएचसी अधीक्षक कड़ा उसका लगातार वेतन भुगतान कर रहे थे। एसटीएफ ने एलटी को गिरफ्तार किया तो इस रहस्य से पर्दा उठा। प्रकरण संज्ञान में आते ही सोमवार को उप मुख्य चिकित्साधिकारी जांच करने पहुंचे तो महकमें में हड़कंप मच गया।
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की तैयारी लाखों छात्र दो साल से कर रहे थे। उन्हें इंतजार था परीक्षा की तारीख का। रविवार को परीक्षा थी। परीक्षा केंद्र में अभ्यर्थियों के हाथ में पेपर आया और थोड़ी ही देर में छीन लिया गया। इसके बाद उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इसके बाद बताया गया कि परीक्षा निरस्त हो गई। रात-दिन मेहनत करने वाले छात्रों के सपने चूर हो चुके थे, मेहनत पर पानी फिर चुका था। इससे उनमें आक्रोश था। कई लड़कियों के आंसू नहीं बंद हो रहे थे। यह खेल किसने खेला, यह सब जानना चाहते थे। रविवार की दोपहर को ही एसटीएफ ने रोही बाईपास के समीप से कार सवार सीएचसी कड़ा के लैब टैक्निशियन रोशन सिंह पटेल को गिरफ्तार कर लिया था। पकड़े गए आरोपित से पूछताछ की गई तो पता चला कि वही इस पूरे गिरोह का सरगना है। रोशन सिंह पटेल की हकीकत सामने आते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। इसी बीच अधिकारियों को विभाग के लोगों से ही पता चला कि वह सालों से अस्पताल नहीं जा रहा था। उसका हस्ताक्षर कोई दूसरा बनाता था और सीएचसी अधीक्षक हर माह उसका वेतन भुगतान करते थे। यह मामला फंसा तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की नींद उड़ गई। उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. हिंद प्रकाश मणि सोमवार को जांच के लिए कड़ा सीएचसी पहुंचे। जांच के बाद उन्होंने कहा कि एलटी रोशन सिंह पटेल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच रिपोर्ट सीएमओ को भेजी जा रही है।