2.24 लाख रूपये नहीं जमा हुए तो निरस्त हो जाएगा झील का पट्टा
Kausambi News - अलवारा झील के पट्टे पर संकट के बादल छा गए हैं। पट्टेधारक ने 2.24 लाख रुपये की किस्त मंगलवार तक जमा नहीं की, जिससे पट्टा निरस्त करने की कार्रवाई शुरू हो सकती है। मत्स्य पालन विभाग ने नोटिस जारी कर दी...

मेहमान पक्षियों के आने से आकर्षण का केंद्र बनी अलवारा झील के पट्टे पर संकट के बादल छा गए हैं। मंगलवार तक किस्त के 2.24 लाख रुपये पट्टेधारक ने नहीं जमा किए तो पट्टा निरस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। मत्स्य पालन विभाग के प्रभारी मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने इसके लिए पट्टेधारक को नोटिस जारी कर दी है। राजस्व अभिलेखों में अलवारा झील 23 हेक्टेयर में फैली हुई है। हालांकि, मौके पर इसका क्षेत्रफल और ज्यादा है। झील की भूमि मत्स्य पालन विभाग के नाम दर्ज है। मत्स्य पालन विभाग ने सरसवां क्षेत्र के कठारे गांव निवासी सुरेश चंद्र त्रिपाठी पुत्र भानु प्रसाद को मत्स्य पालन के लिए झील (अलवारा जलाशय श्रेणी-5) का पट्टा दिया है। इसकी मासिक किस्त एक लाख 12 हजार 83 रुपया है। किस्त का भुगतान प्रत्येक महीने की आखिरी तारीख तक करना होता है। पट्टाधारक नवंबर माह की किस्त का भुगतान अभी तक नहीं कर पाया है। इसे लेकर मत्स्य पालन विभाग के अफसर हरकत में आ गए हैं। उप निदेशक ने पट्टाधारक को किस्त की रकम का भुगतान करने के लिए 31 दिसंबर तक की मोहलत दी है। पट्टेधारक को अब रकम ब्याज समेत देनी होगी। नवंबर के साथ दिसंबर की किस्त का भुगतान भी 31 दिसंबर को ही करना होगा। मत्स्य पालन विभाग के प्रभारी मुख्य कार्यकारी अधिकारी जंग बहादुर ने पट्टेधारक को भेजी गई नोटिस में कहा है कि निर्धारित तिथि को दोनों महीने की किस्त नहीं जमा होने पर पट्टा निरस्तीकरण की रिपोर्ट उप निदेशक प्रयागराज को भेज दी जाएगी। वह रिपोर्ट निदेशक को भेजेंगे। जिसके बाद पट्टा निरस्त हो जाएगा।
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