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गढ़वा में खाली कराए गए दर्जन भर घर

बाढ़ का खतरा कम नहीं हुआ है। यमुना में पानी छोड़ा गया है जिससे डूब क्षेत्र के गांवों में बाढ़ आ सकती...

बाढ़ का खतरा कम नहीं हुआ है। यमुना में पानी छोड़ा गया है जिससे डूब क्षेत्र के गांवों में बाढ़ आ सकती...
1/ 4बाढ़ का खतरा कम नहीं हुआ है। यमुना में पानी छोड़ा गया है जिससे डूब क्षेत्र के गांवों में बाढ़ आ सकती...
बाढ़ का खतरा कम नहीं हुआ है। यमुना में पानी छोड़ा गया है जिससे डूब क्षेत्र के गांवों में बाढ़ आ सकती...
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बाढ़ का खतरा कम नहीं हुआ है। यमुना में पानी छोड़ा गया है जिससे डूब क्षेत्र के गांवों में बाढ़ आ सकती...
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हिन्दुस्तान टीम,कौशाम्बीTue, 17 Sep 2019 12:26 AM
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बाढ़ का खतरा कम नहीं हुआ है। यमुना में पानी छोड़ा गया है जिससे डूब क्षेत्र के गांवों में बाढ़ आ सकती है। गांवों में पानी भरने की संभावना को देखते हुए एसडीएम सदर ने गढ़वा गांव का निरीक्षण किया और एक दर्जन से अधिक घरों को खाली करा दिया। ग्रामीणों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। बाढ़ चौकी में तैनात कर्मचारियों को जलस्तर की निगरानी करने का निर्देश दिया गया है।

यमुना का जलस्तर तीन दिन में काफी तेजी से बढ़ा था। इसके बाद रविवार की रात जलस्तर स्थिर हो गया। इससे प्रशासन ने राहत की सांस ली। सोमवार दोपहर बाद बताया गया कि यमुना में अतिरिक्त पानी छोड़ा गया है। इससे नदी में एक बार फिर पानी बढ़ सकता है। यमुना का जलस्तर अभी स्थिर है। ऐसे में यदि अब दोबारा पानी आया तो यमुना तराई के दर्जनों गांवों में पानी घुस सकता है। शाहपुर, नौबस्ता, उमरावा, गढ़वा के अलावा कई ऐसे गांव हैं जो खतरे की जद में हैं। हाई अलर्ट जारी होते ही जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। जानकारी होते ही एसडीएम सदर सतीश चंद्र ने सोमवार की शाम को गढ़वा गांव का निरीक्षण किया। यमुना से जुड़े नाले में पानी भरा था। इस गांव में इसी नाले के जरिए पानी गांव में आता है। इसको देखते हुए एसडीएम ने एक दर्जन से अधिक घरों को खाली करा दिया। साथ ही ग्रामीणों से कहा कि वह सतर्क रहें। पानी बढ़ने की पूरी संभावना है, इसलिए वह लोग एहतियात जरूर बरतें। बताया कि किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर तुरंत बाढ़ चौकी में तैनात कर्मचारियों से मदद हासिल की जाए। इसके बाद एसडीएम ने कई गांवों का निरीक्षण किया। साथ ही बाढ़ चौकी में तैनात किए गए कर्मचारियों को फोन पर निर्देश दिया कि वह मुस्तैद रहें। किसी भी समय ग्रामीणों की मदद के लिए उनको भेजा सकता है। पुलिस कर्मियों को भी चौकन्ना किया गया है।

जरूरत पड़ने पर रैन बसेरा में तब्दील होंगे विद्यालय

एसडीएम ने यमुना तराई के गांवों के प्रधानों को निर्देश दिया है कि यदि यमुना का पानी गांव में घुसता है तो वह तत्काल प्राइमरी विद्यालयों को रैन बसेरे में तब्दील कर देंगे। साथ ही उनको हर संभव मदद दी जाए। यह भी निर्देश दिया गया है कि जरूरत पड़ने पर ग्रामीणों को कोटेदार नि:शुल्क राशन भी उपलब्ध कराएं। इसका भुगतान बाद में कराया जाएगा।

गंगा के उफान पर टिकी निगाह

गंगा में भी उफान की संभावना है। गंगा का जलस्तर रविवार तक बढ़ गया था। ऐसे में दोबारा गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हो सकती है। इसको देखते हुए गंगा किनारे के गांवों के लोगों को सतर्क किया गया है। साथ ही लेखपालों को निर्देश दिया गया है कि वे जलस्तर पर नजर रखें। यदि बाढ़ का खतरा बढ़ता है तो तुरंत सूचना दी जाए और गांवों में पर्याप्त इंतजाम किए जाएं।

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