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Hindi News उत्तर प्रदेश कानपुरजैविक व तकनीकी खेती से आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगीं महिला किसान

जैविक व तकनीकी खेती से आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगीं महिला किसान

जैविक व तकनीकी खेती से आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगीं महिला किसान

जैविक व तकनीकी खेती से आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगीं महिला किसान
हिन्दुस्तान टीम,कानपुरFri, 28 Feb 2020 11:45 PM
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ग्राम्य विकास संस्थान बोहदपुरा में चल रहे पांच द्विवसीय आजीविका सखी प्रशिक्षण का शुक्रवार को समापन हो गया। इस दौरान उन्हें समूह क ी महिलाओं को जैविक खेती, पशुपालन व बैंकों से जोड़कर उनके आर्थिक उत्थान के लिए प्रेरित किया गया। इसके साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र का भ्रमण भी कराया गया। इसके बाद आजीविका सखियों को प्रमाण पत्र दिए गए।समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त स्वत: रोजगार अशोक कुमार गुप्ता ने कहा कि आजीविका सख्री सरकारी योजनाओं का लाभ समूहों तक पहुंचाने के लिए सेतु का कार्य कर रही हैं। प्रशिक्षण में जो बातें बताई गई हैं उनको गांव स्तर पर जाकर समूहों की महिलाओं को बताएं जिससे उनका आर्थिक व सामाजिक स्तर सुधर सके। उन्होंने कहा कि समूहों के माध्यम से चल रहे पुराने कार्यों के साथ ही महिलाओं को जैविक खेती, मशरूम उत्पादन, किचिन गार्डन व पशुपालन से भी जोड़ना होगा जिससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी। जिला मिशन प्रबंधक आजीविका ने समूह की महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा से लेकर सरकार द्वारा चलाई जा रहंी तमाम योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पांच द्विवसीय प्रशिक्षण में जो जानकारियां दी गईं उनको गांव गांव में चल रहे समूहों तक पहुंचाएं जिससे इसका लाभ महिलाओं को मिल सके। प्रशिक्षण के बाद आजीविका सखियों को कृषि विज्ञान केंद्र का भ्रमण कराया गया। यहां पर कृषि वैज्ञानिक डॉ विस्टर जोशी, डॉ अनुज कुमार गौतम ने उनको तकनीकी खेती के बारे में भी जानकारी दी। इस मौके पर राजेंद्र सिंह भदौरिया, नीरज सिंह, अतुल भारती, नीरज सिंह समेत तमाम आजीविका सखी मौजूद थीं। गांवों में समूह की महिलाओं को जागरूक करेंगीं आजीविका सखी: पांच दिन की ट्रेनिंग ले चुकीं 55 आजीविका सखी अब गांव गांव में संचालित समूहों की महिलाओं को नए रोजगारों के लिए प्रेरित करेंगीं। अभी तक समूहों के माध्यम से सिलाई बुनाई से लेकर कई पुरानी गतिविधियां की जा रही हैं लेकिन अब इसको और वृहद स्तर पर किया जाएगा। उनको बैंक योजनाओं से जोड़ा जाएगा जिससे इससे जुड़ी महिलाओं का जीवन स्तर सुधर सके और वह आत्मनिर्भर हो सकें। प्रत्येक ब्लाक में यह काम युद्वस्तर पर किया जाएगा।

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